चोल प्रशासन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
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चोल प्रशासन पर संक्षिप्त टिप्पणी —
चोल वंश का राज्य प्रशासन ग्राम पंचायत प्रणाली पर आधारित था। इसके अंतर्गत चोल राज्य को 6 प्रांतों में बांटा गया था, जिनको ‘मण्डलम्’ कहा जाता था। ‘मण्डलम’ के उप विभाग ‘कोट्टम’ और ‘कोट्टम’ के उपविभाग ‘नाडु’ , ‘कुर्रम’ और ‘ग्राम’ कहलाते थे। चोल वंश के अभिलेखों में नाडु की सभा को नाट्टर और नगर की श्रेणियों को नगरतार कहा गया है। चोल वंश में गांव के जो प्रतिनिधि होते थे उनका निर्वाचन प्रतिवर्ष नियमित रूप से होता था। हर मण्डलम् को अपनी स्वायत्तता प्राप्त थी। भूमि की उपज का लगभग छठा भाग राज्य को लगान के रूप में मिलता था।
Explanation:
दक्षिण भारत में और पास के अन्य देशों में तमिल चोल शासकों ने 9 वीं शताब्दी से 13 वीं शताब्दी के बीच एक अत्यंत शक्तिशाली हिन्दू साम्राज्य का निर्माण किया। चोल प्रशासन व्यवस्था एक जटिल नौकरशाही पर आधारित थी। राजा प्रशासन का प्रमुख था। चोल राजाओं के अनेक अभिलेख उस समय की प्रशासन - व्यवस्था पर भी प्रकाश डालते हैं।