चार्ली सबसे ज़्यादा स्वयं पर कब हँसता है?
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चार्ली सबसे ज़्यादा स्वयं पर तब हँसता है , जब वह अपने आपको गर्व से उन्मत्त मानता है। वह आत्मविश्वास से लबरेज हो जाता है। वह सफलता , सभ्यता , संस्कृति व समृद्धि की प्रतिमूर्ति बन स्वयं को दूसरों से ज्यादा शक्तिशाली तथा श्रेष्ठ समझने लगता है। वह स्वयं को वज्रादेपि कठोराणि अथवा मृदूनि कुसुमादपि क्षण में दिखलाता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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उत्तर:- चार्ली सबसे ज्य़ादा तब हँसता है, जब वह स्वयं को गर्वोन्नत, आत्म-विश्वास से लबरेज, सफलता, सभ्यता, संस्कृति तथा समृद्धि की प्रतिमूर्ति, दूसरों से ज्य़ादा शक्तिशाली तथा श्रेष्ठ, अपने 'वज्रादपि कठोराणी' अथवा 'मृदुनि कुसुमादपि' क्षण में देखता है।