Hindi, asked by bhujbalshreyash21, 1 year ago

चांदनी रात पर निबंध

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Answered by alokraj121
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मानव मन पर दिनचर्या का प्रभाव खूब पड़ता है। हम प्रत्येक कार्य को अपने स्वभाव के अनुसार करते हैं।इससे हमें आत्म-तृप्ति मिलती है।दिन आता है, रातें आती है समय के अनुसार सब चलता है।ठीक उसी तरह.प्रकृति के मध्य चंदा की झिलमिलाती रोशनी दिल को शुकून देती है। चांदनी रात का प्रभाव मन-मस्तिष्क पर पड़ता है।हर जीव चांद से दो-चार होते रहता है।प्रेम की तरंगें उत्पन्न होती है। चकोर की भाँती प्रेमातुर मन चंद्र-दर्शन को उतावला रहता। चांदनी रात की मनोहारी दृश्य संपूर्ण प्रकृति को अपने अंक में लेकर इठलाता है और अनायास हमारा मन कह उठता है - ' चांदनी रात की दरिया में, थोड़ा नहा लेने दो, प्रेमांकुर फुटते है,दिल को सहारा दे दो '
Answered by bhatiamona
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                                          चांदनी रात पर निबंध

Answer:

चांदनी रात की बात अलग है | रात को एक अलग से दृश्य देखने को मिलता है जैसे जनत हो| चांदनी खुदरत का एक बहुत प्यारा तोहफा हैं | आसमान में चाँद और तारें चमकते हुए बहुत अद्भुत लगते है | रात को घुमने में और मज़ा आता है | ऐसा लगता है चाँद और तारें हमारे साथ चल चल रहे हो |  ऐसा लगता है  पास बुला रहा है । चांदनी रात की सुंदरता बहुत अच्छी लगती है | चांदनी रात में चलना न केवल हमारे दिल को प्रसन्न करता है और हमारे मन को शान्ति  और आराम देता है ,  बल्कि पूरे दिन के व्यस्त कार्यक्रम के कारण थकावट को भी हटा देता है। चांदनी रात के दौरान माहौल शांति और शांति के साथ बढ़ता है | यह सच चांदनी रात में एक रोमांचक और राहत से भरा अनुभव है।

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