चर्चा कीजिए कि सामाजिक संस्थाएँ परस्पर कैसे संपर्क करती हैं। आप विद्यालय के वरिष्ठ छात्र के रूप में स्वयं के बारे में चर्चा आरंभ कर सकते हैं। साथ ही विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा आपके व्यक्तित्व को किस प्रकार एक आकार दिया गया, इसके बारे में भी चर्चा करें। क्या आप इन सामाजिक संस्थाओं से पूरी तरह नियंत्रित हैं या आप इनका विरोध या इन्हें पुन:परिभाषित कर सकते हैं?
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Answer with Explanation:
यह सच है कि सामाजिक संस्थाएँ परस्पर एक दूसरे के संपर्क में रहती हैं क्योंकि कोई भी संस्था अकेले कार्य नहीं कर सकती तथा सभी आवश्यकताएं पूर्ण नहीं कर सकती है ।
उदाहरण के लिए अगर हम विद्यालय के वरिष्ठ छात्र हो तो हम देखेंगे कि परिवार तथा विद्यालय नामक संस्थाएं एक दूसरे के संपर्क में रहती हैं । परिवार हमारी शिक्षा का संपूर्ण खर्च उठाता है तथा समय-समय पर विद्यालय से हमारी प्रगति के बारे में पूछता रहता है। विद्यालय तथा परिवार के साथ साथ समाज के अन्य संस्थाएं हमारा सामाजिकरण करती है , हमें समय-समय पर मुश्किलें हल करने के ढंग बताती रहती है जिससे हमारे व्यक्तित्व को एक निश्चित आकार मिलता है तथा हम अच्छा जीवन जीने के योग्य बनते हैं।
समाज में बहुत सी संस्थाएं व्याप्त हैं जो सामाजिक नियंत्रण का कार्य भी करती हैं। कानून , न्यायालय इत्यादि व्यक्ति को विचलित व्यवहार करने से रोकती हैं । साधारणतया हम अपनी स्वेच्छा से उनके नियंत्रण में रहते हैं तथा इन्हें पुनः परिभाषित करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि समाज इन्हें समय-समय पर पुनः परिभाषित करता रहता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
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