Hindi, asked by tigerdaksh, 9 months ago

चवनप्राश पर विज्ञापन​

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Answered by Anonymous
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Answered by deepakkumarnwd8271
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Answer:

Explanation:

दिल्ली उच्च न्यायालय ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के च्यवनप्राश को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों को प्रसारित करने पर रोक लगा दी है। अदालत ने यह फैसला गुरुवार को डाबर इंडिया की याचिका पर दिया जिसने कहा था कि विज्ञापन में उनके उत्पाद की उपेक्षा की गई है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरी शंकर की खंडपीठ ने अंतरिम आदेश में आयुर्वेदिक फर्म पतंजलि को किसी भी प्रकार से विज्ञापनों को प्रसारित करने पर रोक लगा दी है। आदेश के मुताबिक अगली सुनवाई (26 सितंबर) तक यह रोक जारी रहेगी। इसके साथ ही पीठ ने पंतजलि आयुर्वेद लिमिटेड को नोटिस जारी कर डाबर इंडिया की याचिका पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा है। डाबर इंडिया ने पतंजलि से क्षतिपूर्ति के रूप में 2.01 करोड़ रुपये की मांग भी की है।

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