ch-18 (Nirmaan) class-8 Hindi DAV
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afcors
subha hi hoge or ka ho sakta hai
Explanation:
sis
Answer:
'सृष्टि का नवगान' का अर्थ है नई दुनिया का फिर से रूपाकार होने का मधुर मंगल गीत। मेरी कल्पना के अनुसार सृष्टि का नवगान प्रकृति अपने में समेटी हुई है जिसे हम बहती हवाओं में सुन सकते हैं, पंछियों की गीतों में महसूस कर सकते हैं, झरने की गौरव गीत और नदियों की बहती निर्मल धाराओं की आवाज़ में पा सकते हैं।
Explanation:
Step 1: सृष्टि का नव गान का अर्थ है जब सृष्टि एक नई ऊंचाई को छुएगी फिर से उसका गान होगा .। मेरी कल्पना में सृष्टि का नव गान होगा जब सारे अलग अलग धर्म के लोग एक साथ जुट कर काम करेंगे । जब उनमें कोई भी भेद भाव नहीं होगा ।
Step 2: यह एक सर्वव्यापी सर्वज्ञ ईश्वर की रचना है। हिंदू धर्म के अनुसार सृष्टि अनादि काल से आरंभ विलय का विषय रहा है। यह अनंतकाल तक ऐसा ही रहेगा। वैज्ञानिकों के अनुसार सृष्टि की रचना एक सर्वव्यापी विस्फोट के साथ हुई, जिसे वह बिग-बैंग की संज्ञा देते हैं।
Step 3: इनके अनुसार भगवान ने सृष्टि की रचना के क्रम में सबसे पहला अवतार मछली के रूप में लिया जो मत्स्य अवतार के नाम से जाना जाता है। इसके बाद कूर्मावतार लिया इसके बाद वराह अवतार हुआ जिसमें भगवान ने धरती को स्थापित किया। इसके बाद पृथ्वी पर मनुष्य और पशु का आगमन हुआ जो नरसिंह अवतार में दर्शाया गया है।
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