Chandni Raat Ki Kavita se prapt Sandesh Prerna
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चांदनी रात की बात अलग है | रात को एक अलग से दृश्य देखने को मिलता है जैसे जनत हो| चांदनी खुदरत का एक बहुत प्यारा तोहफा हैं | आसमान में चाँद और तारें चमकते हुए बहुत अद्भुत लगते है | रात को घुमने में और मज़ा आता है | ऐसा लगता है चाँद और तारें हमारे साथ चल चल रहे हो | ऐसा लगता है पास बुला रहा है । चांदनी रात की सुंदरता बहुत अच्छी लगती है | चांदनी रात में चलना न केवल हमारे दिल को प्रसन्न करता है और हमारे मन को शान्ति और आराम देता है , बल्कि पूरे दिन के व्यस्त कार्यक्रम के कारण थकावट को भी हटा देता है। चांदनी रात के दौरान माहौल शांति और शांति के साथ बढ़ता है | यह सच चांदनी रात में एक रोमांचक और राहत से भरा अनुभव है।
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is Kavita mein Chandni Raat Ka Sundar varnan Kiya gaya hai Chandni Raat mein jab sab log so rahe hain tab bhi prakriti ke sab Apne Apne kriya mein lage hue hain jaise tare timtimate rahe hain hawa Munda Munda chal rahi hai yah sab kuchh shanti purvak dhang se chupchap ho raha haiisase prerna milti hai ki paristhiti kaisi bhi ho ham chupchap shanti bhav se nirantar apni kriya mein lage rahana chahie