Hindi, asked by noyanjajw, 6 months ago

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Answered by wwwsoumikmisra
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Answer:

poem about my house

Explanation:

सर्दी, गर्मी और वर्षा से,

हमको यही बचाता है।

रक्षा और सुरक्षा देता,

अपना घर कहलाता है।

लकड़ी, मिट्‍टी, खपरे गारा,

कच्चे घर के साथी हैं।

लोहा, रेत, सीमेंट, ईंट, सब

पक्के घर बनवाते हैं।

खुली खिड़कियाँ, बड़े द्वार हैं,

पूरब-पश्चिम, हवा बहे।

घर के ऊपर चिमनी देखो,

काला-काला धुआ उड़े।

सूरज मेरे घर आँगन में,

फेरा रोज लगाता है।

मेरे घर का गंदा पानी,

कहीं-नहीं रुक पाता है।

वातावारण साफ सुथरा है,

हरे-पेड़ झूमा करते।

मेरे पापा की मेहनत यह,

मेरी मम्मी के सपने।

सर्दी, गर्मी और वर्षा से,

हमको यही बचाता है।

रक्षा और सुरक्षा देता,

अपना घर कहलाता है।

लकड़ी, मिट्‍टी, खपरे गारा,

कच्चे घर के साथी हैं।

लोहा, रेत, सीमेंट, ईंट, सब

पक्के घर बनवाते हैं।

खुली खिड़कियाँ, बड़े द्वार हैं,

पूरब-पश्चिम, हवा बहे।

घर के ऊपर चिमनी देखो,

काला-काला धुआ उड़े।

सूरज मेरे घर आँगन में,

फेरा रोज लगाता है।

मेरे घर का गंदा पानी,

कहीं-नहीं रुक पाता है।

वातावारण साफ सुथरा है,

हरे-पेड़ झूमा करते।

मेरे पापा की मेहनत यह,

मेरी मम्मी के सपने।

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