detailed meaning of raidas ke padh pleeeaaassseee answer properly or i will report
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refer to the images for the answer scroll left to right as there are three pictures
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प्रभु जी, तुम मोती हम धागा, जैसे सोनहिं मिलत सुहागा। प्रभु जी, तुम स्वामी हम दासा, ऐसी भक्ति करै रैदासा॥ रैदास के पद भावार्थ : प्रस्तुत पंक्तियों में कवि रैदास जी ने अपने भक्ति भाव का वर्णन किया है। ... जिसे सूंघकर भक्त सदा प्रभु-भक्ति में लीन रहता है।
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