diwali poem in hind
friends Google sa nahi dekhna apni marzi se banani ha plss
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आई रे आई जगमगाती रात हैं आई
दीपों से सजी टिमटिमाती बारात हैं आई
हर तरफ है हँसी ठिठोले
रंग-बिरंगे,जग-मग शोले
परिवार को बांधे हर त्यौहार
खुशियों की छाये जीवन में बहार
सबके लिए हैं मनचाहे उपहार
मीठे मीठे स्वादिष्ट पकवान
कराता सबका मिलन हर साल
दीपावली का पर्व सबसे महान|
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चलो आज फिर एक दीप जलाया जाए
रूठे हुए को फिर से मनाया जाए
पोंछ कर आंखों में छुपी हुई उदासी को
जख्मों पर मलहम लगाया जाए
पकड़ लो हाथ खेले फिर से
मोहल्ले का एक चक्कर लगाया जाए
भूल जाए गीली शिकवे सब पुराने
आओ मिलकर यह दिवाली का त्यौहार मनाया जाए
चलो आज फिर एक दीप जलाया जाए
शुभ दीपावली
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