Hindi, asked by Anonymous, 1 year ago

don't spam ........ please

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sanwi55: happy birthday in advance
sanwi55: wello
sanwi55: btw mai rahul ki frnd
sanwi55: mai uss din shayad reh jau
sanwi55: ok
Geniusgirl27: hlo

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Answered by TEJ1977
3
ANSWER

अलंकार------- अलम + कार। 

अलंकार के भेद

शब्दालंकार

अर्थालंकार

उभयालंकार

******शब्दालंकार

दो शब्दों से मिलकर बना होता है

शब्दालंकार के भेद 

अनुप्रास अलंकार

यमक अलंकार

पुनरुक्ति अलंकार

विप्सा अलंकार

वक्रोक्ति अलंकार

शलेष अलंकार

......................

अर्थालंकार के भेद

उपमा अलंकार

रूपक अलंकार

उत्प्रेक्षा अलंकार

द्रष्टान्त अलंकार

संदेह अलंकार

अतिश्योक्ति अलंकार

उपमेयोपमा अलंकार

प्रतीप अलंकार

अनन्वय अलंकार

भ्रांतिमान अलंकार

I HOPE THIS INFO HELPS U ☺️☺️☺️


TEJ1977: =_=
Answered by Anonymous
4
heya..!!

Answer:

अलंकार’ शब्द में ‘अलम् और ‘कार’ दो शब्द हैं। ‘अलम्’ का अर्थ है, भूषण – जो अलंकृत या भूषित करे, वह अलंकार है । अलंकार काव्य का बाह्य शोभाकारक धर्म है।

जिस प्रकार आभूषण किसी स्त्री के नैसर्गिक सौन्दर्य को बढ़ा देते हैं, उसी प्रकार उपमा, रूपक आदि अलंकार काव्य की रसात्मकता को बढ़ा देतें हैं।


शब्दालंकार – जो अलंकार जब किसी विशेष शब्द की स्थिति में ही रहे और उस शब्द के स्थान पर कोई पर्यायवाची शब्द रख देने से उसका अस्तित्व न रहे, वह शब्दालंकार है।
ये अलंकार शब्दाश्रित होकर शाब्दिक चमत्कार का ही विशेष संवर्द्धन करते हैं। इसी प्रवृत्ति के आधार पर इन्हें शब्दालंकार कहा जाता है । इनके प्रमुख भेद इस प्रकार हैं-

अनुप्रास अलंकार (Anupras Alankar)
यमक अलंकार (Yamak Alankar)
पुनरुक्ति अलंकार (Punrukti Alankar)
वीप्सा अलंकार (Vipsa Alankar)
वक्रोक्ति अलंकार (Vkrokti Alankar) तथा
श्लेष अलंकार (Shlesh Alankar) इत्यादि ।

(2) अर्थालंकार– जिस शब्द से जो अलंकार सिद्ध होता है यदि उस शब्द के स्थान पर उसका समानार्थी शब्द रख देने से भी वह अलंकार यथापूर्व बना रहे, तो अर्थालंकार कहलाता है ।

अर्थालंकार की संख्या सर्वाधिक है –
उपमा अलंकार (Upma Alankar)
अनन्वय अलंकार (Ananvay Alankar)
उपमेयोपमा अलंकार (Upmeyopma Alankar)
प्रतीप अलंकार (Prtip Alankar)
रूपक अलंकार (Rupak Alankar)
भ्रान्तिमान अलंकार (Bhrantiman Alankar)
संदेह अलंकार (Sandeh Alankar)
दीपक अलंकार (Deepak Alankar)
उत्प्रेक्षा अलंकार (Utpreksha Alankar)
अपहृति अलंकार (Aphriti Alankar)
अतिशयोक्ति अलंकार (Atishyokti Alankar) इत्यादि

अनुप्रास अलंकार (Anupras Alankar)– वर्णों की आवृत्ति को अनुप्रास कहते हैं। आवृत्ति का अर्थ है, दुहराना। इस अलंकार में किसी वर्ण या व्यंजन की एक बार या अनेक वणों या व्यंजनों की अनेक धार आवृत्ति होती है ।

उदाहरण -वर्ण की एक बार आवृत्ति:

हैं जनम लेते जगह में एक ही,
एक ही पौधा उन्हें है पालता ।


अनुप्रास अलंकार के तीन भेद हैं –

(1) वृत्यनुप्रास
(2) छेकानुप्रास तथा
(3) लाटानुप्रास ।

यमक अलंकार (Yamak Alankar)– सार्थक परन्तु भिन्न अर्थ का बोध करानेवाले शब्द की क्रमश: आवृत्ति को यमक कहते हैं । यमक शब्द का अर्थ है दो । अत: इस अलंकार में एक ही शब्द का कम-से-कम दो बार प्रयोग आवश्यक है । यह प्रयोग दो बार से अधिक भी हो सकता है।

उदाहरण-
(1 ) कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाई ।
उहि खाये बौरात नर, इह पाये बौराई ।

इस दोहा में एक ‘कनक’ का अर्थ ‘सोना’ है, तो दूसरे ‘कनक’ का अर्थ ‘ धतूरा’ ।

hope it helps!!

charanverma007: hiiiiiii
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