Hindi, asked by asad078648ali, 1 day ago

durghatnaon ki videography ka auchityeदुर्घटनाओं की वीडियोग्राफी का औचित्य ​

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Answered by ayeshatasmia78
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ऊष्‍मकटिबंधीय क्षेत्र स्थित भारत जैसे अत्‍यंत गति‍शील व जटिल मौसम प्रणाली वाले देश में मौसम का पूर्वानुमान लगाना बेहद चुनौतीपूर्ण काम है। वर्षा, तापमान, वायुगति तथा आर्दता आदि मौसम के पूर्वानुमान में महत्‍वपूर्ण मौसमविज्ञानीय प्राचल होते हैं, जिनका निरंतर मानीटरन आवश्‍यक होता है। मौसमविज्ञान उपग्रहों से हमें मौसम प्राचलों का निकट अंतरालों में सारिक परिमाप उपलब्‍ध होता है। मेघाच्‍छादन, वायु, वर्षा तथा सागर सतह तापमान आदि जैसे प्राचलों से संबंधित उपग्रह आंकड़े मौसम पूर्वानमान के अभिन्‍न अंग बन गए हैं।

सितम्‍बर 23, 2009 को प्रमोचित ओशनसैट-2 में सागर वर्ण मानीटर (ओसीएम), कू-बैण्‍ड विकिरणमापी तथा वायुमंड‍लीय अध्‍ययन के वास्‍ते एक रेडियो आच्छादन परिज्ञापी (सऊंडर) लगा हुआ था। ओसीएम; दृश्‍य व अवरक्त 8 संकीर्ण स्‍पेक्‍ट्रमी बैंडों में काम करता है और महासागरीय उत्‍पादकता, शैवाल प्रस्‍फुटन के अध्‍ययन व अक्षत मत्‍स्‍य स्‍त्रोत प्रबंधन आदि को सुगम बनाता है।

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