एक कीमत-स्वीकारक फर्म का कुल संप्राप्ति वक्र, ऊपर की ओर प्रवणता वाली सीधी रेखा क्यों होती है? यह वक़ उद्गम से होकर क्यों गुजरती है?
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एक कीमत-स्वीकारक फर्म का कुल संप्राप्ति वक्र, ऊपर की ओर प्रवणता वाली सीधी रेखा क्यों होती है? यह वक़ उद्गम से होकर क्यों गुजरती है?
कुल आगम चक्र मूल बिन्दु से गुजरता है, क्योंकि जब उत्पादन शून्य होगा , फर्म का कुल आगम भी शून्य होगा| जैसे-जैसे उत्पादन बेचा जाता है , कुल आगम बढ़ता है | ऐसे में AR वक्र x अक्ष के सामान्तर रेखा हो जाता है| वक्र पर सरल रेखीय समीकरण है: TR=P*Q
AR स्थिर होने से मरा भी स्थिर हो जाता है तथा उत्पादन के प्रत्येक स्तर पर AR=MR होता है| अत: TR वक्र ऊपर की और प्रवणता वाला सीधे रेखा होता है| कुल आगम बेचे गए उत्पादन के समान अनुपात में बढ़ता है, क्योंकि कीमत स्थिर रहती होती है|
नीचे दिए गए चित्र में देख सकते है:
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एक फर्म की संप्राप्ति, बाजार कीमत तथा उसके द्वारा बेची गई मात्रा में क्या संबंध है?