एक सखी दूसरी सखी से कहती है,उसे क्या कहते हैं?
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Answer:
batchit
Explanation:
or in english it would be conservation
एक सखी दूसरी सखी से कहती है,
बिहारी कहते हैं कि एक सखी दूसरी सखी से कहती है की वह ना तो स्नान कर पाती है और ना घर जाती है। उसका मन तो बस अपने प्रियतम कृष्ण की ताक में तीर से चिपका है। वह ठंड ज्यादा है, यह बहाना देखकर जल को केवल छूकर और काँपकर हंसती हुई लौट आती है, जल में भी नहीं उतरती।
एक सखी दूसरी सदी से कहती है अब उसके मुश्किल से सहे जाने योग्य विरह की बड़ी करुणा दशा हो रही है, उसका प्राण शरीर में और किसी उपाय से नहीं ठहरता दिखाई देता। अब तो उसका आता-जाता प्राण प्रियतम का नाम सुन-सुना कर उसके शरीर में रखना पड़ रहा है।
एक सखी दूसरी सखी से कहती है देख यह कितनी बुद्धिमान है, इसने स्नान करके और वस्त्र पहनकर बिंदी लगाने के बहाने से अपने हाथों को अपने माथे पर ले जाकर कृष्ण को प्रणाम कर लिया है। वह अपनी आँखों को इधर-उधर चला कर ही कृष्ण को विदा का संकेत देकर घर की ओर चल दी।