एक तत्व का मोलर द्रव्यमान है, यह 405 pm लंबाई की भुजा वाली घनीय एकक कोष्ठिका बनाता है। यदि उसका घनत्व है तो घनीय एकक कोष्ठिका की प्रकृति क्या है?
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दिये गये प्रश्न का हल इस प्रकार होगा...
घनत्व p = Z × M/a³ × N (A)
या
Z = p × a³ × N(A)/M
तत्व का मोलर द्रव्यमान (M) = 2.7 × 10⁻² kg मोल⁻¹
a (कोर लम्बाई) - 405 pm = 405 x 10⁻¹² m = 4.05 x 10⁻¹⁰m
p (घनत्व) = 2.7 x 10³kg m⁻³
अतः
N(A) (आवोगाद्रो संख्या) = 6.022 x 10²³ mol⁻¹
इसलिये..
Z = (2.7 x 10³ kg m⁻³)(4.05 x 10⁻¹⁰m)³ (6.022 x 10²³ mol⁻¹)/2.7 x 10⁻²kg mol⁻¹
= 3.9924
जैसा कि जानते हैं कि प्रति एकक कोष्ठिका में तत्व के 4 परमाणु होते हैं, इसलिए घनीय एकक कोष्ठिका फलक केंद्रित (fcc) या घनीय निविड संकुलित होगी।
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