एक द्रव को सीलबंद पात्र में निश्चित ताप पर इसके वाष्प के साथ साम्य में रखा जाता है। पात्र का आयतन अचानक बढ़ा दिया जाता है।
(क) वाष्प-दाव परिवर्तन का प्रारंभिक परिणाम क्या होगा?
(ख) प्रारंभ में वाष्पन एवं संघनन की दर से बदलती है?
(ग) क्या होगा, जब कि साम्य पुनः अंतिम रूप से स्थापित हो जाएगा तब अंतिम वाष्प दाब क्या होगा?
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(क) वाष्प-दाव प्रारंभ मे घटेगा |
(ख) वाष्पन की दर बढ़ेगी तथा संघनन की दर घटेगी |
(ग) वाष्प-दाव निरंतर हो जाएगा |
Explanation:
(क) वाष्प-दाव परिवर्तन का प्रारंभिक परिणाम कुछ इस तरह से है , चूकि प्रारंभ मे आयतन बढ़ रहा है इसलिए वाष्प-दाव प्रारंभ मे घटेगा |
(ख) प्रारंभ में वाष्पन एवं संघनन की दर कुछ इस तरह से बदलेगी , वाष्पन की दर बढ़ेगी तथा संघनन की दर घटेगी |
(ग) जब साम्य पुनः अंतिम रूप से स्थापित हो जाएगा तब अंतः वाष्प-दाव निरंतर हो जाएगा , अर्थात वाष्पन की दर तथा संघनन की दर बराबर हो जाएगी |
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