Physics, asked by princemb4460, 8 months ago

एक ठोस गोला, भिन्न नति के दो आनत तलों पर एक ही ऊँचाई से लुढ़कने दिया जाता है। (a) क्या वह दोनों बार समान चाल से तली में पहुँचेगा? (b) क्या उसको एक तल पर लुढ़कने में दूसरे से अधिक समय लगेगा? (c) यदि हाँ, तो किस पर और क्यों?

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Answered by Anonymous
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Answered by kaashifhaider
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ठोस गोले  को झुकाव के छोटे कोण के साथ लुढ़कने  करने में अधिक समय लगेगा।

Explanation:

(a )  प्रत्येक क्षेत्र का द्रव्यमान m और त्रिज्या का त्रिज्या r है और h झुके हुए विमानों की ऊंचाई है। यदि V और w झुकाव वाले तल के नीचे गोलाकार की रैखिक और कोणीय गति हैं, तो ऊर्जा के संरक्षण के नियम के अनुसार,

K.E में वृद्धि = P.E में कमी

(1/2)Mv² + (1/2)Iw² = Mgh

ठोस गोले के लिए I = (2/5)MR²

कोनिये गति w = v/R

(1/2)Mv² + 1/2× (2/5)MR² ×v²/R² = Mgh

(7/10)Mv² = Mgh

v = √{10gh/7}

गति द्रव्यमान से स्वतंत्र है ,वह दोनों बार समान चाल से तली में पहुँचेगा।

(b ) हां उसको एक तल पर लुढ़कने में दूसरे से अधिक समय लगेगा

(c ) प्रत्येक तल  पर गोले के लिए t1 और t2 समय को गोले ले जाने में लेगा।  

a = gsin∅/(1 + k²/R²)  

For solid sphere,

K = (2/5)R²

त्वरण a1 = gsin∅1/(1 + 2/5) = (5/7) gsin∅1

दूसरे तल के लिए त्वरण  a2 = 5/7gsin∅2

हम यह भी जानते हैं,

V = U + at

प्रारंभिक गति = 0

प्रत्येक मामलों में अंतिम गति समान है।

इसलिए समय को लेकर समीकरण बनाने पर -

t1/t2 = a2/a1 = sin∅2/sin∅1

यदि  ∅2 > ∅1  तब

t1 > t2

इसलिए ठोस गोले  को झुकाव के छोटे कोण के साथ लुढ़कने  करने में अधिक समय लगेगा।

एक धातु के ठोस गोले का व्यास 6 सेमी है। गोले को पिघलाकर एकसमान आकार का तार

बनाया गया है। यदि तार की लम्बाई 36 सेमी है, तो तार का व्यास ज्ञात कीजिए।

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