एन-2. पद्यांश को पढ़कर सामने दिए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-
जिस पर गिरकर उदर-दरी से तुमने जन्म लिया है
जिसका खाकर अन्न, सुधा-सम नीर-समीर पिया है।
वह स्नेह की मूर्ति दयामयी माता-तुल्य मही है
उसके प्रति कर्तव्य तुम्हारा क्या कुछ शेष नहीं है?
पैदाकर जिस देश-जाति ने तुमको पाला-पोसा।
किए हुए हैं वह निज हित को तुमसे बड़ा भरोसा
उससे होना उऋण प्रथम है मत्कर्तव्य तुम्हारा
फिर दे सकते हो वसुधा को शेष स्वाधन सारा
1 खाकर जिसका अन्न में किसका
अन्न खाने की बात कवि ने कही है।
2 सुधा-सम नीर-समीर पिया है। में
निहित अलकेर का नाम बताइए।
3 कवि ने किसकण से ऋण होने
की बात कही है।
4 कवि किसे किसके प्रति कर्तव्यों
की याद दिला रहा है और क्या?
5देश जाति के प्रति व्यक्ति का
पहला कर्तव्य क्या है और व्या?
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Kavi ne girkar odari-dari se Jann liya oska Anna khane ki bat Kar rahe hai..
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- bharat mata ka
- h
- bharat mata ne hame khane annaa gise hame pala posa hai
- bharat mata ke prati yh khakar ki hame iski rasha karni chahiye
- hame desh ko bhara pura banna chahta hai
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