Hindi, asked by HarshitKhatir001, 11 months ago

Essay in Hindi मेरे जीवन का लक्ष्य

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Answered by rajharshita176
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Answer:

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का कोई न कोई लक्ष्य होना आवश्यक है । यदि बालक आरंभ से किसी लक्ष्य के प्रति समर्पित हो जाए तो उसके भावी जीवन के रास्ते सरल हो जाते हैं ।

उसके जीवन में भटकाव की संभावना कम हो जाती है । परंतु किसी लक्ष्य को निर्धारित करने से पूर्व हमें अपनी क्षमताओं का पूरा-पूरा ज्ञान होना चाहिए । आज के प्रतियोगी युग में लोगों को अपना स्वप्न साकार करने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ता है । नेता बनने के लिए राजनीति के दाँव-पेंच सीखने पड़ते हैं ।

धनवान बनने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ता है तथा व्यापारिक कौशल की भी आवश्यकता होती है । कुछ लोग अपने ईमान को बेचकर धनवान बनते हैं तो कुछ गरीबों का रक्त चूसकर । डॉक्टर इंजीनियर वैज्ञानिक या अधिकारी बनने के लिए अध्ययनरत रहना पड़ता है ।

बहुत से लोग भाग्यवादी होते हैं तथा उनका भाग्य ही उन्हें किसी मंजिल तक पहुँचा देता है । इस तरह विभिन्न व्यक्ति अपने ढंग से अपने लक्ष्य का निर्धारण करता है । मेरा जन्म एक साधारण परिवार में हुआ है । मेरे पिताजी की एक छोटी सी दुकान है ।

इस दुकान की कमाई से ही घर का खर्च चलता है । मैं जहाँ रहता हूँ वहाँ अनेक परिवारों के लोग मुकदमों में फँसे हैं । जमीन मकान और दुकान को लेकर मेरे पड़ोसी आपस में झगड़ते रहते हैं और बिना सोचे-समझे एक-दूसरे पर मुकदमा ठोंक देते हैं । फिर आरंभ होता है तारीखों का सिलसिला और कचहरी का चक्कर ।

इस अंतहीन सिलसिले के परिणाम में दावेदारों की मेहनत की कमाई लुट जाती है । फैसला वर्षों बाद आता है लेकिन तब तक दोनों पक्ष बरबाद हो चुके होते हैं । इन स्थितियों ने मुझे वकील बनने की प्रेरणा दी है । मैं एक वकील बनकर समाज के दबे-कुचले शोषित और गरीब लोगों की मदद करना चाहता हूँ ।

मैं सच्चे और ईमानदार लोगों का केस लड़कर उन्हें न्याय दिलाना चाहता हूँ । वकील बनकर मैं न्यायिक व्यवस्था की खामियों को यथासंभव दूर करने का प्रयास करूँगा । कहा जाता है कि न्याय मिलने में देरी अन्यायी का साथ देने के बराबर है ।

Answered by rohityadav7610
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Answer:

मनुष्य का महत्वाकांक्षी होना एक स्वाभाविक गुण है । प्रत्येक व्यक्ति जीवन में कुछ न कुछ विशेष प्राप्त करना चाहता है । कुछ बड़े होकर डॉक्टर या इंजीनियर बनना चाहते हैं तो कुछ व्यापार में अपना नाम कमाना चाहते हैं ।

इसी प्रकार कुछ समाज सेवा करना चाहते हैं तो कुछ भक्ति के मार्ग पर चलकर ईश्वर को पाने की चेष्टा करते है । सभी व्यक्तियों की इच्छाएँ अलग-अलग होती हैं परंतु इनमें से बहुत कम लोग ही अपनी इच्छा को साकार रूप में देख पाते हैं । थोड़े से भाग्यशाली अपनी इच्छा को मूर्त रूप दे पाते हैं । ऐसे व्यक्तियों में सामान्यता दृढ़ इच्छा-शक्ति होती है और वे एक निश्चित लक्ष्य की ओर सदैव अग्रसर रहते हैं ।

मनुष्य के जीवन में एक निश्चित लक्ष्य का होना अनिवार्य है । लक्ष्यविहीन मनुष्य क्रिकेट के खेल में उस गेंदबाज की तरह होता है जो गेंद तो फेंकता है परंतु सामने विकेट नहीं होते । इसी भाँति हम परिकल्पना कर सकते हैं कि फुटबाल के खेल में जहाँ खिलाड़ी खेल रहे हों और वहाँ से गोल पोस्ट हटा दिया जाए तो ऐसी स्थिति में खिलाड़ी किस स्थिति में होंगे इस बात का अनुमान स्वत: ही लगाया जा सकता है । अत: जीवन में एक निश्चित लक्ष्य एवं निश्चित दिशा का होना अति आवश्यक है ।

मेरे जीवन का लक्ष्य है कि मैं बड़ा होकर चिकित्सक बनूँ और अपने चिकित्सा ज्ञान से उन सभी लोगों को लाभान्वित करूँ जो धन के अभाव में उचित चिकित्सा प्राप्त नहीं कर पाते हैं । मैं इस बात को अच्छी तरह समझता हूँ कि एक अच्छा चिकित्सक बनना आसान नहीं है ।

अच्छे विद्‌यालय का चयन, उसमें प्रवेश पाना तथा पढ़ाई में होने वाला खर्च आदि अनेक रुकावटें हैं । परंतु मुझे पूरा विश्वास है कि मैं इन बाधाओं को पार कर सकूँगा । इसके लिए मैंने बहुत कड़ी मेहनत का संकल्प लिया है । उचित मार्गदर्शन के लिए मैं अपने अध्यापक व अनुभवी छात्रों का सहयोग ले रहा हूँ ।

चिकित्सक बनने के बाद मैं भारत के उन गाँवों में जाना चाहता हूँ जहाँ पर अच्छे चिकित्सक का अभाव है अथवा जहाँ पर चिकित्सा केंद्र की व्यवस्था नहीं है । में उन सभी लोगों का इलाज नि:शुल्क करना चाहता हूँ जो धन के अभाव में अपना इलाज नहीं करा पाते हैं । इसके अतिरिक्त मैं उनमें अच्छे स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता लाना चाहता हूँ ।

वे किस प्रकार जीवन-यापन करें, सफाई, स्वास्थ्य एवं संतुलित भोजन के महत्व को समझें, इसके लिए मैं व्यापक रूप से अपना योगदान देना चाहता हूँ । आजकल कुछ परंपरागत रोगों का इलाज तो आसानी से संभव है लेकिन उचित जानकारी का अभाव, रोग तीव्र होने पर ही इलाज के लिए तत्पर होना जैसी समस्याएँ अशिक्षितों एवं ग्रामीणों की प्रमुख समस्याएँ हैं ।मुझे विश्वास है कि मेरे इस जीवन के लक्ष्य में गुरुजनों, सहपाठियों व माता-पिता सभी का सहयोग प्राप्त होगा । ईश्वर मेरे इस नेक कार्य व मेरे लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग में मेरी सहायता करेंगे इसका मुझे पूर्ण विश्वास है । मैं खुद भी अपने लक्ष्य की प्राप्ति में कोई कसर नहीं छोड़ूँगा ।

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