Hindi, asked by nsalian327, 2 months ago

Essay of 5 lines ( Marathi poem by narayan surve )


भाकरीचा चंद्र शोधण्यातच जिंदगी बरबाद झाली.​

Answers

Answered by somanandini2006885
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Answer:

नारायण सुर्वे पद्म श्री से सम्मानित प्रसिद्ध मराठी कवि एवं सामाजिक कार्यकर्ता थे।जन्म के कुछ दिनों के बाद ही नारायण सुर्वे के माता-पिता का निधन हो गया था। उनका जीवन मुंबई की गलियों में ही बीता। वे रोजी-रोटी चलाने के लिए दिहाड़ी पर छोटे-मोटे काम करते थे। सुर्वे प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। उन्होंने कई मजदूर संगठनों में काम किया था। 83 वर्ष की अवस्था में लंबी बीमारी के बाद 16 अगस्त 2010 को ठाणे में उनका निधन हो गया।वर्ष 1966 में सुर्वे की पहली पुस्तक "माझे विद्यापीठ" (मेरा विश्वविद्यालय) प्रकाशित हुई थी।1998- पद्म श्री सम्मान, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए।

प्रख्यात मराठी कवि नारायण सुर्वे का निधन, खास खबर।

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