essay on akshay kumar in hindi .
Answers
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अक्षय कुमार जिनका असली नाम राजीव हरिओम भाटिया है, एक मशहूर फिल्म अभिनेता होने के साथ साथ वे निर्माता और मार्शल आर्टस में भी पारंगत हैं। प्यार से लोग उन्हें ‘अक्की’ भी कहते हैं। अक्षय कुमार ने 125 से ऊपर फिल्मों में काम किया है। उन्हें कई बार उनकी फिल्मों के लिए फिल्मफेयर अवार्डस में नामांकित किया गया है जिसमें से दो बार उन्होंने यह पुरस्कार जीता हैै। हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में वह लंबे समय से काम कर रहे हैं और अपने अनुशासित स्वभाव और दिनचर्या के लिए भी जाने जाते हैं। ‘खिलाडि़यों के खिलाड़ी’ नाम से मशहूर अक्षय अपनी फिल्मों में ज्यादातर स्टंट स्वयं ही करते हैं।
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Explanation:
अक्षय कुमार (पंजाबी: ਅਕਸ਼ੈ ਕੁਮਾਰ, जन्म: राजीव हरी ओम भाटिया, ९ सितम्बर, १९६७) एक भारतीय बॉलीवुड फ़िल्म अभिनेता हैं। वे 125 से अधिक हिन्दी फिल्मों में काम कर चुके हैं।
अक्षय कुमार
जन्म
अमृतसर, भारत
राष्ट्रीयता
कैनेडियन
व्यवसाय
फिल्म अभिनेता
ऊंचाई
5 फीट 11 इंच (1.80 मी॰)
जीवनसाथी
ट्विंकल खन्ना (२००१ – वर्तमान)
पुरस्कार
सर्वश्रेष्ठ खलनायक
२००२ अजनबी
सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता
२००५ गरम मसाला
90 के दशक में, हिट एक्शन फिल्मों जैसे खिलाड़ी (१९९२), मोहरा (१९९४) और सबसे बड़ा खिलाड़ी (१९९५) में अभिनय करने के कारण, कुमार को बॉलीवुड का एक्शन हीरो की संज्ञा दी जाती थी और विशेषतः वे "खिलाड़ी श्रृंखला" के लिए जाने जाते थे। फिर भी, वह रोमांटिक फिल्मों जैसे ये दिल्लगी (१९९४) और धड़कन (२०००) में अपने अभिनय के लिए सम्मानित किए गए और साथ ही साथ ड्रामेटिक फिल्मों जैसे एक रिश्ता (२००१) में अपनी अभिनय क्षमता को दिखाया। 2002 में उन्हें अपना पहला फ़िल्मफेयर पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ खलनायक फ़िल्म अजनबी (2001) में अभिनय के लिए दिया गया। अपनी एक सी छवि को बदलने के इच्छुक अक्षय कुमार ने ज्यादातर कोमेडी फिल्में की। फ़िल्म हेरा फेरी (2002), मुझसे शादी करोगी (2004), गरम मसाला (2005) और जान-ए-मन (२००६) में हास्य अभिनय के लिए फ़िल्म समीक्षकों द्वारा उनकी प्रशंसा की गई। 2007 में वे सफलता की ऊचाईयों को छूने लगे, जब उनके द्वारा अभिनीत चार लगातार कामर्सियल फिल्में हिट हुई। इस तरह से, उन्होंने अपने आपको हिन्दी फ़िल्म उद्योग में एक प्रमुख अभिनेता के रूप में स्थापित किया। वे मार्शल आर्ट्स (सामरिक कला) की शिक्षा बेंगकोक में प्राप्त करके आए और वहां एक रसोइया की नौकरी भी करते थे। वे फिर मुंबई वापस आ गए, जहाँ वे मार्सल आर्ट्स की शिक्षा देने लगे। उनका एक विद्यार्थी जो एक फोटोग्राफर था, उसने उन्हें मॉडलिंग करने कहा। उस विद्यार्थी ने उन्हें एक छोटी कंपनी में एक मॉडलिंग असयांमेंट दिया। उन्हें कैमरे के सामने पोज देने के लिए, दो घंटे के 5,000 रुपये मिलते था। पहले की तनख्वाह 4000 रुपये प्रति महीने की तुलना में यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारण था कि वे क्यों मॉडल बने। मॉडलिंग करने के दो महीने बाद, कुमार को प्रमोद चक्रवर्ती ने अंततः अपनी फ़िल्म दीदार में अभिनय करने का मौका दिया।