Hindi, asked by HarshvardhanDange, 7 months ago

essay on be the change you want see in the world​

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Answered by QueenVidu
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Like days and nights, time and tide there happens change in this world – every second. Change is indispensable and we humans should learn to accept the changes in life. One who learns to adapt to the change is smart. But one who brings the change he or she wishes in the world makes history. Rightly said by Mahatma Gandhi “We should be the change we want to see in the world”. Instead of facing the world with fears making a change that will right for us and others is the act of a good man. So we should always be bold enough to bring in new changes in the world. A change we initiate should bring peace and harmony to the world.

Answered by abhaiasngh
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Answer:

राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी ने देश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उन्होंने अहिंसा और सत्य का मार्ग लोगो को दिखाया. उनकी कही हुई बात में एक बात यह भी शामिल है कि वह परिवर्तन खुद में भी करो जो तुम दुनिया में जो तुम लोगो में देखना चाहते हो. बात पते की है. यदि हम सामने वाले से ईमानदारी की उम्मीद करते है तो हमें स्वयं भी ईमानदार होना जरूरी है. यदि हम ईमानदार नहीं और सामने वाले से ईमानदारी चाहे तो यह बेईमानी होगा. जैसा बर्ताव हम दुसरो से खुद के प्रति चाहते है वैसा ही बर्ताव हमें स्वयं को करना चाहिए. इसके लिए पहले हमें स्वयं को बदलना होगा, यदि हम दुनिया में बदलाव चाहते हो.

मसलन, हम अपने देश को साफ सुथरा रखना चाहते है, चाहते है कि आम लोग सार्वजानिक स्थानों पर यहाँ-वहां कचरा न फेके तो हमें चाहिए कि पहले ये गलती हम स्वयं न करे. हम चाहते है हम से दुनिया विनम्र बनी रहे, लोग हमारी तारीफ करे, तो इसके लिए सबसे पहले हमें तारीफों में कंजूसी की आदत को खत्म करना चाहिए. देखा गया है कि अगर कोई चीज सामने वाले व्यक्ति की अच्छी होती है तो तारीफ करने के बजाय जलन महसूस करने लगते है. हम शिकायत करते है, समाज ये कर रहा है, लोग ये सोचते है, इसकी विचारधाराएं ऐसी है. कोई ये नहीं सोचता, समाज हमसे ही तो मिलके बना है.

यदि हम गलत सोचना, गलत करना छोड़ दे, बिलकुल उम्मीद है कि हमें देख कर कोई और भी सुधर जाए. शिकायते करने के बजाय जो बदलाव परिवार, समाज और देश में चाहते है, उस बदलाव को खुद में निहित करे, क्या पता आपके बढ़ाए कदम के बाद दुनिया बदलाव के दौर पर सकारात्मक विकास करे.

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