essay on mahamari se jung in hindi
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आज जब दुनिया कोरोना वायरस से उपजी बीमारी का सामना कर रही है तब स्वामी विवेकानंद के 1899 के प्लेग घोषणा पत्र का स्मरण हो आता है। मार्च, 1899 में जब कलकत्ता में प्लेग फैला था तो स्वामी विवेकानंद ने प्लेग पीड़ितों की सेवा के लिए रामकृष्ण मिशन की एक समिति बनाई थी। उनके नेतृत्व में इस समिति ने एक प्लेग घोषणा पत्र तैयार किया था ताकि स्वयंसेवकों के साथ आम जनता इससे अच्छी तरह परिचित हो सके कि क्या करना है और क्या नहीं करना? इस घोषणा पत्र को तैयार करने के साथ ही उक्त समिति के सदस्यों ने प्लेग प्रभावित इलाकों में एक महीने से ज्यादा समय तक दिन-रात सेवा कार्य किया था। स्वामी विवेकनंद ने बांग्ला भाषा में तैयार प्लेग घोषणा पत्र को हिंंदी में छपवाकर वितरित कराया था। इसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागृत करना और रोगियों तक मदद पहुंचाना था। इस प्लेग मैनिफेस्टो में विवेकानंद ने कहा था, भय से मुक्त रहें, क्योंकि भय सबसे बड़ा पाप है। ऐसा कहकर उन्होंने चिंतित और निराश लोगों में आशा का संचार किया था। आज भी आशा का संचार करने की जरूरत है।