essay on the topics of kabhi kabhu Jo dil del leta h vo ankhen nhi del pati
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Hey dear friend ,
Here is your answer - -
★★ कभी कभी हृदय वह भी देख लेता है जो खुली आंखें नहीं देख सकती ★★
By - H . Jackson Brown
प्रिय मित्र ,
आपके द्वारा कहा गया यह वाक्य बिल्कुल सत्य है, ■ ■ ■ परंतु कभी-कभी हृदय के द्वारा देखा गया हाल बहुत कष्ट देता है और वह वास्तविक सत्य नहीं होता ■ ■ ■
मित्र आज के वर्तमान समय में हम जैसा अपनी आंखों से देखते हैं वैसा सत्य नहीं है ।
उदाहरण के लिए हमारे घर पर कोई भी भिखारी आता है । हमसे खाना मांगता है । हम उसे खाना दे देते हैं । वह जाते समय पैसे मांगता है । हम से पैसे भी देते हैं । पर अब वह शाम को उन पैसों को लेकर कहां जाता है , यह समस्या है ?
हो सकता है इन पैसों को लेकर दारू गड्ढे में जाए और शराब पिये ।
और हम दूसरे दृष्टिकोण से यह देख सकते हैं कि अगर कोई साधारण बच्चा अच्छे कपड़े पहने हैं ।फिर भी वह ■ ■ ■ हमसे डोनेशन लेने आता है । वह भी एक प्रकार की भीख ही है ■ ■ ■ ।
● ◆ ◆ परंतु उसका प्रकार बदल गया वह【 भीख से बदलकर डोनेशन हो गई】 क्योंकि बच्चे ने साफ सुथरे कपड़े पहने हैं । उसका स्टैंडर्ड अच्छा है । वह पैसे ले जाता है और वह भी अपने दोस्तों से ज्यादा पार्टी कर लेता है । इसमें भी वही दृष्टिकोण देखा गया जो उस भिखारी के साथ देखा गया।
इस प्रकार से इस बच्चे और भिखारी में कोई फर्क नहीं है ।
अब दूसरे दृष्टिकोण में एक फटे पुराने कपड़े पहने एक बच्चा आता है । आपके घर आता है । आप भीख मांगता है । आप उसे ₹5 देने हैं । आप ना चाहते हुए भी आपके दिल से आवाज आती है। कि यह इन 5 रूपों का कोई दुरुपयोग नहीं करेगा । आप उसे देखना चाहते हैं कि वह बच्चा इन ₹5 का क्या करता है । आप उसके पीछे जाते हैं उसका पीछा करते रहते हैं ।बअंत में वह आपको एक सुनसान मैदान में दिखाई देता है । वहां पर उसका कोई एक साथी जो लंगड़ा बैठा है । उसे उठाता है और साथ उसके झूले को उठाता है । और पास के ही एक चाय के स्टॉल में जाता है । और उसे चाय पिलाता है ओर और खुद नहीं पीता क्योंकि पैसे खत्म हो गए ।
उसने आपके द्वारा दिए गए ₹5 से खुल जाना भी एक दूसरे को चाय पिलाई । यह वह सत्य है जो आपके दिल ने देखा आपके हृदय ने दिल ने देखा । आपकी आंखों में तो सिर्फ एक बच्चे को भीख मांगते देखा था । और एक बेकार हो भीख यह वह सत्य है जो आपकी आंख नहीं आपका दिल देख पाया और वह स्टैंडर्ड बच्चे का सत्य आपका दिल नहीं देख पाया सिर्फ आपके ऊपर आंख देख पाए ।
Thanks ;)
Here is your answer - -
★★ कभी कभी हृदय वह भी देख लेता है जो खुली आंखें नहीं देख सकती ★★
By - H . Jackson Brown
प्रिय मित्र ,
आपके द्वारा कहा गया यह वाक्य बिल्कुल सत्य है, ■ ■ ■ परंतु कभी-कभी हृदय के द्वारा देखा गया हाल बहुत कष्ट देता है और वह वास्तविक सत्य नहीं होता ■ ■ ■
मित्र आज के वर्तमान समय में हम जैसा अपनी आंखों से देखते हैं वैसा सत्य नहीं है ।
उदाहरण के लिए हमारे घर पर कोई भी भिखारी आता है । हमसे खाना मांगता है । हम उसे खाना दे देते हैं । वह जाते समय पैसे मांगता है । हम से पैसे भी देते हैं । पर अब वह शाम को उन पैसों को लेकर कहां जाता है , यह समस्या है ?
हो सकता है इन पैसों को लेकर दारू गड्ढे में जाए और शराब पिये ।
और हम दूसरे दृष्टिकोण से यह देख सकते हैं कि अगर कोई साधारण बच्चा अच्छे कपड़े पहने हैं ।फिर भी वह ■ ■ ■ हमसे डोनेशन लेने आता है । वह भी एक प्रकार की भीख ही है ■ ■ ■ ।
● ◆ ◆ परंतु उसका प्रकार बदल गया वह【 भीख से बदलकर डोनेशन हो गई】 क्योंकि बच्चे ने साफ सुथरे कपड़े पहने हैं । उसका स्टैंडर्ड अच्छा है । वह पैसे ले जाता है और वह भी अपने दोस्तों से ज्यादा पार्टी कर लेता है । इसमें भी वही दृष्टिकोण देखा गया जो उस भिखारी के साथ देखा गया।
इस प्रकार से इस बच्चे और भिखारी में कोई फर्क नहीं है ।
अब दूसरे दृष्टिकोण में एक फटे पुराने कपड़े पहने एक बच्चा आता है । आपके घर आता है । आप भीख मांगता है । आप उसे ₹5 देने हैं । आप ना चाहते हुए भी आपके दिल से आवाज आती है। कि यह इन 5 रूपों का कोई दुरुपयोग नहीं करेगा । आप उसे देखना चाहते हैं कि वह बच्चा इन ₹5 का क्या करता है । आप उसके पीछे जाते हैं उसका पीछा करते रहते हैं ।बअंत में वह आपको एक सुनसान मैदान में दिखाई देता है । वहां पर उसका कोई एक साथी जो लंगड़ा बैठा है । उसे उठाता है और साथ उसके झूले को उठाता है । और पास के ही एक चाय के स्टॉल में जाता है । और उसे चाय पिलाता है ओर और खुद नहीं पीता क्योंकि पैसे खत्म हो गए ।
उसने आपके द्वारा दिए गए ₹5 से खुल जाना भी एक दूसरे को चाय पिलाई । यह वह सत्य है जो आपके दिल ने देखा आपके हृदय ने दिल ने देखा । आपकी आंखों में तो सिर्फ एक बच्चे को भीख मांगते देखा था । और एक बेकार हो भीख यह वह सत्य है जो आपकी आंख नहीं आपका दिल देख पाया और वह स्टैंडर्ड बच्चे का सत्य आपका दिल नहीं देख पाया सिर्फ आपके ऊपर आंख देख पाए ।
Thanks ;)
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