Hindi, asked by Anonymous, 9 months ago

एवरेस्ट पर्वत का नाम 'एवरेस्ट' क्यों पड़ा ? जानकारी प्राप्त कीजिए।

Answers

Answered by YashiShingla
3

Answer:

सटीक साल तो मुझे ध्यान नहीं है, लेकिन पूरी बात आपको समझ आ जाएगी, ऐसा मेरा अनुमान है...

तो जिस समय भारत में अंग्रेजी राज अच्छी तरह स्थापित हो चुका था, तो उस समय नेपाल में अंग्रेजी राज नहीं था। अंग्रेजों और नेपाल के बीच एक संधि हुई थी कि अंग्रेज नेपाल नरेश को परेशान नहीं करेंगे। यही हाल अंग्रेजों और तिब्बत का था। हालाँकि उनकी तिब्बत के साथ कोई संधि नहीं हुई थी, लेकिन फिर भी अंग्रेजों का तिब्बत में दखल न के बराबर था।

और आपको पता ही है कि माउंट एवरेस्ट नेपाल और तिब्बत की सीमा पर है... यानी अंग्रेजों की आँखों से बहुत दूर...

इस वजह से कई वर्षों तक कंचनजंघा को दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माना जाता रहा... और कंचनजंघा समेत, दार्जिलिंग व सिक्किम के ऊँचाई वाले क्षेत्रों से माउंट एवरेस्ट दिखाई पड़ती है। अंग्रेजों के पास ऐसे उपकरण थे कि उन्हें पता चल गया कि उधर कंचनजंघा से भी ऊँची एक चोटी स्थित है।

अब अंग्रेज हो गए परेशान, उस सबसे ऊँची चोटी का पता लगाने और उसे फतह करने को। नेपाल नरेश से बात की, उसने मना कर दिया... तिब्बत में चोरी छुपे जाना पड़ता, पकड़े जाते तो मरना निश्चित था। एक भारतीय राधानाथ सिकदर ने अपनी सटीक कैलकुलेशन से यह बता दिया कि उस चोटी की ऊँचाई लगभग 29000 फीट है और निश्चित ही वह कंचनजंघा से ऊँची है।

यह एक बहुत बड़ी खबर थी। पूरी दुनिया में इससे तहलका मच जाना था। तो काम चलाने के लिए इसका नाम रखा गया “पीक XV”... फिर कोशिशें शुरू हुईं इसका स्थानीय नाम जानने की। विदेशी लोगों का उस क्षेत्र में प्रवेश पूरी तरह बैन था, इसलिए किसी भी तरह इसका स्थानीय नाम, जो कि नेपाल में सागरमाथा है और तिब्बत में चोमोलुंगमा है, पता नहीं चल सका। फिर राधानाथ सिकदर के योगदान को देखते हुए उनके नाम पर भी इसका नाम रखने की बात चली, लेकिन आखिरकार ब्रिटिश सर्वेयर सर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर इसका नाम माउंट एवरेस्ट पड़ा।

Explanation:

Hope this is clear

Answered by Deathchancellor
1

Answer:

अब अंग्रेज हो गए परेशान, उस सबसे ऊँची चोटी का पता लगाने और उसे फतह करने को। नेपाल नरेश से बात की, उसने मना कर दिया... तिब्बत में चोरी छुपे जाना पड़ता, पकड़े जाते तो मरना निश्चित था। एक भारतीय राधानाथ सिकदर ने अपनी सटीक कैलकुलेशन से यह बता दिया कि उस चोटी की ऊँचाई लगभग 29000 फीट है और निश्चित ही वह कंचनजंघा से ऊँची है।

यह एक बहुत बड़ी खबर थी। पूरी दुनिया में इससे तहलका मच जाना था। तो काम चलाने के लिए इसका नाम रखा गया “पीक XV”... फिर कोशिशें शुरू हुईं इसका स्थानीय नाम जानने की। विदेशी लोगों का उस क्षेत्र में प्रवेश पूरी तरह बैन था, इसलिए किसी भी तरह इसका स्थानीय नाम, जो कि नेपाल में सागरमाथा है और तिब्बत में चोमोलुंगमा है, पता नहीं चल सका। फिर राधानाथ सिकदर के योगदान को देखते हुए उनके नाम पर भी इसका नाम रखने की बात चली, लेकिन आखिरकार ब्रिटिश सर्वेयर सर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर इसका नाम माउंट एवरेस्ट पड़ा।

Explanation:

First time I am asking please mark me as brainliest

Similar questions