Explain watercycle in hindi.
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धरती पर कितना पानी उपलब्ध है?
o एक जानकारी के अनुसार धरती पर 2,94,000,000 क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध है, जिसमें से सिर्फ़ 3% पानी ही शुद्ध और पीने लायक है।
o पृथ्वी पर पानी अधिकतर तरल अवस्था में उपलब्ध होता है, क्योंकि हमारी धरती (सौर व्यवस्था) “सोलर सिस्टम” की सीध में स्थित है, अतः यहाँ तापमान न तो इतना अधिक होता है कि पानी उबलने लगे न ही तापमान इतना कम होता है कि वह बर्फ़ में बदल जाये।
o जब पानी जमता है तब वह विस्तारित होता है यानी फैलता है, जबकि ठोस बर्फ़ तरल पानी में तैरती है।
मुक्त पानी की गतिविधि
• वातावरण में भाप के रूप में
• बारिश, ओस, बर्फ़ आदि के रूप में धरती पर वापस आता है
• धरती पर बहते हुए अन्त में पुनः समुद्र में मिलता है
• कभीकभार यह पानी बहते हुए मृत सागर अथवा ग्रेट साल्ट लेक जैसी एक “बेसिन” में एकत्रित हो जाता है।
• जबकि “ड्रेनेज बेसिन” उस क्षेत्र को कहा जाता है जहाँ बारिश के पानी को नहरों, झीलों, नदियों व बाँधों आदि के रूप में सहेजा जाता है।
जल-चक्र
• पानी का वातावरण में वाष्पीकरण होता है।
• पुनः यही पानी धरती पर वर्षाजल के रूप में गिरता है।
• बहते हुए यह पानी समुद्र में जा मिलता है।
पानी के विभिन्न उपयोग
• नहाने के लिये
• कपड़े धोने के लिये
• खाना बनाने, पीने के लिये
• साफ़-सफ़ाई करने के लिये
• तैरने व अन्य आनन्द लेने के लिये
मुक्त पानी कहां मिलता है
• अधिकतर पानी ऊष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में वाष्पीकरण के जरिये वातावरण में पहुँचता है।
• शुद्ध पानी के अधिकतर स्रोत पृथ्वी के उत्तरी गरम इलाके में मौजूद हैं।
• इस धरती के शुद्ध जल में से 20% मुक्त जल कनाडा में है,
• 20% जल रूस की बैकाल झील में है,
• बाकी का शुद्ध जल विभिन्न नदियों, झीलों, तालाबों, आदि में उपलब्ध है।
• भूमध्यरेखा के 20 डिग्री उत्तर और दक्षिण में ऊष्णकटिबंधीय वर्षा वन (रेन फ़ॉरेस्ट) फ़लते-फ़ूलते हैं।
• जबकि भूमध्यरेखा के 20 से 35 डिग्री उत्तर-दक्षिण में विभिन्न रेगिस्तान हैं।
• जबकि इस डिग्री से उत्तर-दक्षिण में बढ़ने पर रेगिस्तान में भी प्रचुर मात्रा में नमी मिलती है।
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राजस्थान का शेखावाटी क्षेत्र पानी के संकट विश्व में प्रथम स्था
Submitted by छीतरमल महादेव गुप्ता (not verified) on Wed, 06/22/2016 - 02:23.
प्रवासी राजस्थानी जो शेखावाटी क्षेत्र के है,और वह सम्पूर्ण देश,विदेश तक निवास कर रहे है ।उन सबके लिए चिंतनीय विषय हैं की अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने रिपोर्ट जारी कियी हैं,उसमे दुनिया में सबसे तेज भू जल स्तर शेखावाटी के तीनो जिले सीकर,झुंझनू,चुरू का गिरने में दुनिया में सबसे आगे हैं। यह चिंतनीय विषय हैं,जल ही जीवन हैं,जल बिना सब कुछ सुना हैं।इस समस्या का मुकाबला करने के लिए प्रवासी राजस्थानियों को पूर्ण सहयोग करना पड़ेगा।अभी से ही पिने और खेती के लिए नहर और पाइप लाइन द्वारा पानी लाने की योजना के लिए राज्य सरकार वह केंद्र सरकार को हमारे द्वारा एव हमारे प्रतिनिधियो के द्वारा सिफारिश करके इसका हल निकालना हैं। पेड़ो को बचना,ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने, ज्यादा से ज्यादा तालाब का निर्माण करवाना, जरूरी हैं।उपरोक्त जिलो के लिए सरकार जो भी फंड देती हैं वह सबसे ज्यादा नहर पर ही किया जाना चाहिए, पानी लाने के लिए ही खर्च करवाने की सिफारिश सबके द्वारा करना जरूरी हैं। उपरोक्त विषय पर नासा ने दिसम्बर 2009 से लेकर दिसम्बर 2015 तक के भूजल स्तर पर अध्यन किया हैं।और इसके लिए नासा के वैज्ञानिकों ने नासा के सेटेलाइट गेविटिस रिकवरी एंड क्लाइमेट(ग्रेस)से फ़ोटो भी लिया गया हैं। उपरोक्त विषय पर गहन चिंतन करके इसका हल निकलने के लिए प्रवासी राजस्थानी तीनो जिले के देश ,विदेश में रह रहे हैं,उनके द्वारा एक कमेठी गठन करके तन,मन,धन से सहयोग मिलेगा ,तब ही सफलता मिलेगी।आप सभी के विचार आमन्त्रित हैं,उपरोक्त समस्या का हल सरकार से जल्दी ही निकलवाना हैं.l अधिक जानकारी के लिए www.cmgupta.com पर आये।
राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में पानी का संकट जल्दी ही विश्व का प्रथम स्थान लेगा
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राजस्थान का शेखावाटी क्षेत्र पानी के संकट विश्व में प्रथम स्था
Submitted by छीतरमल महादेव गुप्ता (not verified) on Wed, 06/22/2016 - 02:22.
प्रवासी राजस्थानी जो शेखावाटी क्षेत्र के है,और वह सम्पूर्ण देश,विदेश तक निवास कर रहे है ।उन सबके लिए चिंतनीय विषय हैं की अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने रिपोर्ट जारी कियी हैं,उसमे दुनिया में सबसे तेज भू जल स्तर शेखावाटी के तीनो जिले सीकर,झुंझनू,चुरू का गिरने में दुनिया में सबसे आगे हैं। यह चिंतनीय विषय हैं,जल ही जीवन हैं,जल बिना सब कुछ सुना हैं।इस समस्या का मुकाबला करने के लिए प्रवासी राजस्थानियों को पूर्ण सहयोग करना पड़ेगा।अभी से ही पिने और खेती
o एक जानकारी के अनुसार धरती पर 2,94,000,000 क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध है, जिसमें से सिर्फ़ 3% पानी ही शुद्ध और पीने लायक है।
o पृथ्वी पर पानी अधिकतर तरल अवस्था में उपलब्ध होता है, क्योंकि हमारी धरती (सौर व्यवस्था) “सोलर सिस्टम” की सीध में स्थित है, अतः यहाँ तापमान न तो इतना अधिक होता है कि पानी उबलने लगे न ही तापमान इतना कम होता है कि वह बर्फ़ में बदल जाये।
o जब पानी जमता है तब वह विस्तारित होता है यानी फैलता है, जबकि ठोस बर्फ़ तरल पानी में तैरती है।
मुक्त पानी की गतिविधि
• वातावरण में भाप के रूप में
• बारिश, ओस, बर्फ़ आदि के रूप में धरती पर वापस आता है
• धरती पर बहते हुए अन्त में पुनः समुद्र में मिलता है
• कभीकभार यह पानी बहते हुए मृत सागर अथवा ग्रेट साल्ट लेक जैसी एक “बेसिन” में एकत्रित हो जाता है।
• जबकि “ड्रेनेज बेसिन” उस क्षेत्र को कहा जाता है जहाँ बारिश के पानी को नहरों, झीलों, नदियों व बाँधों आदि के रूप में सहेजा जाता है।
जल-चक्र
• पानी का वातावरण में वाष्पीकरण होता है।
• पुनः यही पानी धरती पर वर्षाजल के रूप में गिरता है।
• बहते हुए यह पानी समुद्र में जा मिलता है।
पानी के विभिन्न उपयोग
• नहाने के लिये
• कपड़े धोने के लिये
• खाना बनाने, पीने के लिये
• साफ़-सफ़ाई करने के लिये
• तैरने व अन्य आनन्द लेने के लिये
मुक्त पानी कहां मिलता है
• अधिकतर पानी ऊष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में वाष्पीकरण के जरिये वातावरण में पहुँचता है।
• शुद्ध पानी के अधिकतर स्रोत पृथ्वी के उत्तरी गरम इलाके में मौजूद हैं।
• इस धरती के शुद्ध जल में से 20% मुक्त जल कनाडा में है,
• 20% जल रूस की बैकाल झील में है,
• बाकी का शुद्ध जल विभिन्न नदियों, झीलों, तालाबों, आदि में उपलब्ध है।
• भूमध्यरेखा के 20 डिग्री उत्तर और दक्षिण में ऊष्णकटिबंधीय वर्षा वन (रेन फ़ॉरेस्ट) फ़लते-फ़ूलते हैं।
• जबकि भूमध्यरेखा के 20 से 35 डिग्री उत्तर-दक्षिण में विभिन्न रेगिस्तान हैं।
• जबकि इस डिग्री से उत्तर-दक्षिण में बढ़ने पर रेगिस्तान में भी प्रचुर मात्रा में नमी मिलती है।
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Submitted by छीतरमल महादेव गुप्ता (not verified) on Wed, 06/22/2016 - 02:23.
प्रवासी राजस्थानी जो शेखावाटी क्षेत्र के है,और वह सम्पूर्ण देश,विदेश तक निवास कर रहे है ।उन सबके लिए चिंतनीय विषय हैं की अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने रिपोर्ट जारी कियी हैं,उसमे दुनिया में सबसे तेज भू जल स्तर शेखावाटी के तीनो जिले सीकर,झुंझनू,चुरू का गिरने में दुनिया में सबसे आगे हैं। यह चिंतनीय विषय हैं,जल ही जीवन हैं,जल बिना सब कुछ सुना हैं।इस समस्या का मुकाबला करने के लिए प्रवासी राजस्थानियों को पूर्ण सहयोग करना पड़ेगा।अभी से ही पिने और खेती के लिए नहर और पाइप लाइन द्वारा पानी लाने की योजना के लिए राज्य सरकार वह केंद्र सरकार को हमारे द्वारा एव हमारे प्रतिनिधियो के द्वारा सिफारिश करके इसका हल निकालना हैं। पेड़ो को बचना,ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने, ज्यादा से ज्यादा तालाब का निर्माण करवाना, जरूरी हैं।उपरोक्त जिलो के लिए सरकार जो भी फंड देती हैं वह सबसे ज्यादा नहर पर ही किया जाना चाहिए, पानी लाने के लिए ही खर्च करवाने की सिफारिश सबके द्वारा करना जरूरी हैं। उपरोक्त विषय पर नासा ने दिसम्बर 2009 से लेकर दिसम्बर 2015 तक के भूजल स्तर पर अध्यन किया हैं।और इसके लिए नासा के वैज्ञानिकों ने नासा के सेटेलाइट गेविटिस रिकवरी एंड क्लाइमेट(ग्रेस)से फ़ोटो भी लिया गया हैं। उपरोक्त विषय पर गहन चिंतन करके इसका हल निकलने के लिए प्रवासी राजस्थानी तीनो जिले के देश ,विदेश में रह रहे हैं,उनके द्वारा एक कमेठी गठन करके तन,मन,धन से सहयोग मिलेगा ,तब ही सफलता मिलेगी।आप सभी के विचार आमन्त्रित हैं,उपरोक्त समस्या का हल सरकार से जल्दी ही निकलवाना हैं.l अधिक जानकारी के लिए www.cmgupta.com पर आये।
राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र में पानी का संकट जल्दी ही विश्व का प्रथम स्थान लेगा
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राजस्थान का शेखावाटी क्षेत्र पानी के संकट विश्व में प्रथम स्था
Submitted by छीतरमल महादेव गुप्ता (not verified) on Wed, 06/22/2016 - 02:22.
प्रवासी राजस्थानी जो शेखावाटी क्षेत्र के है,और वह सम्पूर्ण देश,विदेश तक निवास कर रहे है ।उन सबके लिए चिंतनीय विषय हैं की अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने रिपोर्ट जारी कियी हैं,उसमे दुनिया में सबसे तेज भू जल स्तर शेखावाटी के तीनो जिले सीकर,झुंझनू,चुरू का गिरने में दुनिया में सबसे आगे हैं। यह चिंतनीय विषय हैं,जल ही जीवन हैं,जल बिना सब कुछ सुना हैं।इस समस्या का मुकाबला करने के लिए प्रवासी राजस्थानियों को पूर्ण सहयोग करना पड़ेगा।अभी से ही पिने और खेती
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