Hindi, asked by sh8anivysu3nii, 1 year ago


EXPLANATION OF POEM USHA AA RAHI HAI

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Answered by Chirpy
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      उषा आ रही है कविता में कवि त्रिलोचन जी कहते हैं कि जगत जग गया है, रात ढल गयी है, अँधेरे से घिरी हुई आँखें खुल गई हैं, और बंधनों में फंसी हुई जिंदगी अब नए ढंग से अंगड़ाई ले रही है।

      पक्षी गा रहे हैं, क्षितिज में लालिमा छा गई है, आँखों में नए सपने आकार बस गए हैं और उनकी आभा बिना बोले चारो ओर फैल रही है।

      उषा सब को जगा और हंसा रही है। वह सबके साथ खेलते हुए और उन्हें बुलाते हुए, उनमें नए भावों की उमंग भरते हुए, दिल की धड़कन बढ़ाते हुए घने कुहरे पर धीरे धीरे मुस्कुरा रही है।   



Answered by ff2945057
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इस से क्या प्रेरणा मिलती है?

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