EXPLANATION OF POEM USHA AA RAHI HAI
Answers
Answered by
139
उषा आ रही है कविता में कवि त्रिलोचन जी कहते हैं कि जगत जग गया है, रात ढल गयी है, अँधेरे से घिरी हुई आँखें खुल गई हैं, और बंधनों में फंसी हुई जिंदगी अब नए ढंग से अंगड़ाई ले रही है।
पक्षी गा रहे हैं, क्षितिज में लालिमा छा गई है, आँखों में नए सपने आकार बस गए हैं और उनकी आभा बिना बोले चारो ओर फैल रही है।
उषा सब को जगा और हंसा रही है। वह सबके साथ खेलते हुए और उन्हें बुलाते हुए, उनमें नए भावों की उमंग भरते हुए, दिल की धड़कन बढ़ाते हुए घने कुहरे पर धीरे धीरे मुस्कुरा रही है।
Answered by
11
इस से क्या प्रेरणा मिलती है?
Similar questions
English,
8 months ago
Environmental Sciences,
8 months ago
Math,
8 months ago
Social Sciences,
1 year ago
English,
1 year ago
History,
1 year ago