फौज में मौज हैँ,
हजार रूपये रोज है...
थोड़ा सा गम है,
इसके लिए भी रम है...
लाइफ थोड़ी रिस्की है,
इसके लिए तो विस्की है...
खानें के बाद फ्रुट है,
मरनें के बाद सैलूट है...
पहनने के लिए ड्रैस है,
ड्रैस में जरूरी प्रेश है...
सुवह-२ पी.टी है,
वॉर्निंग के लिए सीटी है...
चलने के लिए रूट है,
पहनने के लिए D.M.S बूट है...
खाने के लिए रिफ्रैशमेंन्ट है,
गलती करो तो पन्सिमेंन्ट है...
जीते-जी टैंन्सन है;
मरनें के बाद पैंन्शन है...|
☝☝
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Oh.. What a poem... Nice ... 3 cheers for Anshulpandeysvi
anshulpandeysvi:
Thanks
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आपके द्वारा दिये गए कविता का सारांश |
Explanation:
आपके द्वारा यहाँ दिये गए कविता में फौज के जीवन को बहुत ही अच्छे तरीके से दर्शाया गया हैं | एक फौजी का जीवन बहुत कठिन होता हैं, फौज में काम करना भले ही कर्तव्य की बात हो | परंतु इसमे जो मजा आता हैं वह शायद किसी दूसरी नौकरी में हो |
देश की सेवा करने का मौका मिलने के साथ ही साथ बहुत ही अच्छी वेतन फौज में मिलता हैं | कई बार परिवार की याद भी आती हैं परंतु फौजी जीवन इस गम को विस्की से मिटा देती हैं | जीवित रहते समय में स्वादिष्ट खाना खाना मिलता है और शहीद होने के बाद शान के साथ एक सल्युट भी मिलता हैं |
वैसे तो पिटी से लेकर दण्ड तक फौजी जीवन में सबकुछ मौजूद हैं, परंतु यह जीवन पता नहीं बाकी आम जीवन से बहुत ही गौरवशाली और सम्मान से भरी हुई हैं |
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