फ्रांस में क्रांति की शुरुआत किन परिस्थितियों में हुई?
Answers
उत्तर :
फ्रांस में क्रांति की शुरुआत निम्नलिखित परिस्थितियों में हुई :
(क) राजनीतिक परिस्थितियां :
(i) फ्रांस के राजा स्वेच्छाचारी थे और वे राजा के दैवीय अधिकारों को विश्वास रखते थे । सम्राट की इच्छा ही कानून थी। वह अपनी इच्छा से युद्ध अथवा संधि करता था।
(ii) कर बहुत अधिक थे जो मुख्यत: जनसाधारण को ही देने पड़ते थे। दरबारी और सामंत करों से मुक्त थे।
(iii) राज्य में सैनिक तथा अन्य पद पैतृक थे और उन्होंने बेचा भी जा सकता था।
(iv) शासन में व्यापक भ्रष्टाचार फैला हुआ था।
(ख) सामाजिक परिस्थितियां :
(i) फ्रांस में 3 सामाजिक वर्ग (एस्टेट) - उच्च, मध्यम तथा निम्न वर्ग थे। इन लोगों को कोई कर नहीं देना पड़ता था और योग्य न होने पर भी वे राज्य के बड़े-बड़े पदों पर आसीन थे।
(ii) दूसरे एस्टेट में कुलीन वर्ग के लोग सम्मिलित थे।
(iii) तीसरे एस्टेट में वकील , डॉक्टर तथा शिक्षक वर्ग के लोग सम्मिलित थे । योग्यता होने पर भी ये लोग राज्य के उच्च पदों से वंचित थे। जनसाधारण भी इसी वर्ग में सम्मिलित थे। उन्हें राज्य को भी कर देना पड़ता था और चर्च को भी। इनसे बेगार ली जाती थी और वर्षों से इनका शोषण हो रहा था।
(ग) आर्थिक परिस्थितियां :
(i )फ्रांस के राजा धन का दुरुपयोग करते थे और उन्होंने व्यक्तिगत ऐश्वर्य के लिए खज़ाना खाली कर दिया।
(ii) करो का विभाजन दोषपूर्ण था । धनी लोग कर से मुक्त थे जबकि जनसाधारण को कर चुकाने पड़ते थे। कर एकत्रित करने की विधि भी दोषपूर्ण थी।
(iii) फ्रांस में औद्योगिक क्रांति के कारण अनेक कारीगर बेकार हो गए और उन में असंतोष फैल गया।
(iv) फ्रांस ऋण के बोझ से दबा हुआ था।
(v) दोषपूर्ण कर प्रणाली के कारण व्यापार अवनति की ओर बढ़ रहा था।
(vi) फ्रांस ने अमेरिका के लोगों को वित्तीय सहायता दी जिससे राजकोष पर ऋण का बोझ बढ़ गया।
(घ) दार्शनिकों का योगदान :
दार्शनिकों ने जनता को यह समझाने का प्रयास किया कि उनके दुखों का वास्तविक कारण रास्ता राजतंत्र है। रूसो ने अपनी पुस्तक सामाजिक समझौता में राजा के दैवीय अधिकारों पर प्रहार किया तथा वाॅल्टेयर ने चर्च के धार्मिक आडंबरों और पादरियों के भ्रष्टाचार को अपना बनाया। लॉक ने अपनी पुस्तक द स्पीड ऑफ द लॉज में राजा के दैवीय अधिकारों और उसकी निरंकुशता की कड़ी आलोचना की।
इस प्रकार दार्शनिकों के कोशिशों से नवीन विचारधारा का प्रादुर्भाव हुआ। इसी नवीन विचारधारा के कारण फ्रांस की क्रांति हुई।
(ड़) एस्टेट जनरल का अधिवेशन बुलाया जाना तथा क्रांति की शुरुआत:
फ्रांसीसी क्रांति का तात्कालिक कारण स्टेट जनरल का अधिवेशन बुलाया जाना था । अधिवेशन बुलाई जाने के बाद जनसाधारण के प्रतिनिधियों ने राजा के सामने यह मांग रखी की स्टेट जनरल की तीन सदनों की संयुक्त बैठक बुलाई जाए और सभी को वोट देने का मौका मिले।राजा के इनकार करने पर जनसाधारण के प्रतिनिधि टेनिस कोर्ट में एकत्रित हुए और उन्होंने नवीन संविधान बनाने की घोषणा की।इसी बीच राजा ने जनता के प्रतिनिधियों की मांग स्वीकार कर ली जिन्होंने एस्टेट जनरल के प्रथम अधिवेशन में ही क्रांति का बिगुल हुई बजा दिया।
आशा है कि उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
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