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5. राजा रवि वर्मा के चित्रों को राष्ट्रवादी भावना वाले चित्र कैसे कहा जा सकता है?
Answers
राजा रवि वर्मा एक प्रसिद्द भारतीय चित्रकार थे जिन्हें भारतीय कला के इतिहास में महानतम चित्रकारों में गिना जाता है। उन्होंने भारतीय साहित्य, संस्कृति और पौराणिक कथाओं (जैसे महाभारत और रामायण) और उनके पात्रों का जीवन चित्रण किया। उनके कृतियों की सबसे बड़ी विशेषता है हिन्दू महाकाव्यों और धर्म ग्रंथों पर बनाए गए चित्र। उनकी कला भारतीय परंपरा और यूरोपिय तकनीक के समेकन का सबसे बेहतरीन उदाहरण है। वडोदरा के लक्ष्मीविलास पैलेस स्थित संग्रहालय में इस महान चित्रकार के चित्रों का बहुत बड़ा संग्रह है।राजा रवि वर्मा का जन्म 29 अप्रैल 1848 को केरल के किलिमानूर में हुआ। उनके पिता एज्हुमविल नीलकंठन भट्टातिरिपद एक पारंगत विद्वान थे और केरल के एर्नाकुलम जिले से ताल्लुक रखते थे। उनकी माता उमायाम्बा थम्बुरत्ति एक कवि और लेखिका थीं जिनकी कृति ‘पारवती स्वयंवरम’ राजा रवि वर्मा ने उनकी मृत्यु के पश्चात प्रकाशित करवाया था। राजा रवि वर्मा के तीन भाई-बहन थे – गोदा वर्मा, राजा वर्मा और मंगला बाई। मरुमाक्काथायम प्रथा के अनुसार उनके मामा का नाम उनके नाम के आगे जोड़ दिया गया जिससे उनका नाम राजा रवि वर्मा हो गया।उन्होंने चित्रकारी के लिए विषयों की तलाश में समूचे देश का भ्रमण किया। वे हिन्दू देवियों के चित्रों को अक्सर सुन्दर दक्षिण भारतीय महिलाओं के ऊपर दर्शाते थे। राजा रवि वर्मा ने महाभारत के महत्वपूर्ण कहानियों जैसे ‘दुष्यंत और शकुंतला’ और ‘नल और दमयंती’ के ऊपर भी चित्रकारी की। उन्होंने हिन्दू पौराणिक किरदारों को अपनी चित्रकारी में महत्वपूर्ण स्थान दिया। राजा रवि वर्मा के आलोचक उनकी शैली को बहुत ज्यादा दिखावटी और भावनात्मक मानते हैं पर उनकी कृतियां भारत में बहुत लोकप्रिय हैं। उनके कई चित्र बड़ोदा के लक्ष्मी विलास पैलेस में सुरक्षित हैं।
Answer with Explanation:
राजा रवि वर्मा के चित्रों को राष्ट्रवादी भावना वाले चित्र इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि इनके चित्रों के विषय भारतीय ग्रंथों अथवा राष्ट्रीय साहित्य से संबंध रखते थे।
राजा रवि वर्मा को राजा कहकर संबोधित इसलिए किया जाता था क्योंकि इनका का संबंध केरल के त्रावणकोर के महाराजाओं के परिवार से था। यह पश्चिमी कला की तैल चित्रकारी और यथार्थपरक जीवन अध्ययन की चित्रकारी में निपुण थे पर इन्होंने रामायण और महाभारत जैसे भारतीय पुराणों के बहुत से दृश्यों को कैनवस पर बनाया।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।
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