फसल की सुरक्षा के लिए निरोधक विधियाँ तथा जैव नियंत्रण क्यों अच्छा समझा जाता है?
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Pʀᴇᴠᴇɴᴛɪᴠᴇ ᴍᴇᴀsᴜʀᴇs ᴀɴᴅ ʙɪᴏʟᴏɢɪᴄᴀʟ ᴄᴏɴᴛʀᴏʟ ᴍᴇᴛʜᴏᴅs sʜᴏᴜʟᴅ ʙᴇ ᴘʀᴇғᴇʀʀᴇᴅ ғᴏʀ ᴘʀᴏᴛᴇᴄᴛɪɴɢ ᴄʀᴏᴘs ʙᴇᴄᴀᴜsᴇ ᴇxᴄᴇssɪᴠᴇ ᴜsᴇ ᴏғ ᴄʜᴇᴍɪᴄᴀʟs ʟᴇᴀᴅs ᴛᴏ ᴇɴᴠɪʀᴏɴᴍᴇɴᴛᴀʟ ᴘʀᴏʙʟᴇᴍs. Bɪᴏʟᴏɢɪᴄᴀʟ ᴍᴇᴛʜᴏᴅs ᴄᴀᴜsᴇ ʜᴀʀᴍ ɴᴇɪᴛʜᴇʀ ᴛᴏ ᴄʀᴏᴘ ɴᴏʀ ᴛᴏ ᴛʜᴇ ᴇɴᴠɪʀᴏɴᴍᴇɴᴛ.
उत्तर:
फसल की सुरक्षा के लिए निरोधक विधियाँ तथा जैव नियंत्रण इसलिए अच्छा समझा जाता है क्योंकि रसायनों (नाशकुमारी, कीटनाशी ,फंजाईनाशी) के अत्याधिक छिड़काव से पर्यावरण में प्रदूषण फैलता है। यह रसायन पेड़ पौधों के लिए विषैले होते हैं।
निरोधक विधियों के उपाय निम्नलिखित :
•फसली पौधों को प्रतिरोधी किस्मों का प्रयोग।
•फसलों को बोने के अनुकूलतम समय का चयन।
•शश्यावर्तन या बहुशस्योत्पादन
•स्वच्छ जोताई या कृषि।
•ग्रीष्मकालीन जोताई।
जैविक नियंत्रण में कीटों अथवा कुछ अन्य जीवों का प्रयोग आता है जो खरपतवार पौधों को खाते हैं और विशेषतया नष्ट करते हैं। महाराष्ट्र और तमिलनाडु में किरमिजी कीटों के प्रयोग द्वारा नागफनी को नष्ट किया गया। जलीय खरपतवार को मत्स घास कार्प द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
आशाा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।