Hindi, asked by hwhwmanu6508, 1 year ago

गृह विज्ञान के जनक कौन है.please answer

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Answered by AbsorbingMan
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गृह विज्ञान एक घर का विज्ञान है और इसमें सभी चीजें शामिल हैं जो व्यक्ति, घर, परिवार के सदस्यों और संसाधनों की चिंता करती हैं। यह "बेहतर जीवन यापन" के लिए शिक्षा है और इस शिक्षा का मूल परिवार पारिस्थितिकी तंत्र है। यह परिवार और उसके प्राकृतिक और मानव निर्मित वातावरण के बीच पारस्परिक संबंधों से भी संबंधित है। इसका उद्देश्य आपके संसाधनों के कुशल और वैज्ञानिक उपयोग के माध्यम से व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्यों के लिए अधिकतम संतुष्टि प्राप्त करना है। यह व्यक्ति को घर को सुंदर बनाने में शामिल वैज्ञानिक प्रक्रियाओं का सारा ज्ञान देता है। गृह विज्ञान मानव पर्यावरण, परिवार पोषण, संसाधनों के प्रबंधन और बाल विकास में सुधार के लिए विभिन्न विज्ञानों और मानविकी के अनुप्रयोग को एकीकृत करता है।

भारत में स्त्री-अधिकारों के लिए सार्वजनिक तौर पर अभियान चलाने का श्रेय ब्रह्म समाज के अग्रणी नेता देवेन्द्र नाथ ठाकुर की पुत्री और रवीन्द्रनाथ ठाकुर की बहन स्वर्ण कुमारी देवी को जाता है।

उन्होंने 1882 में कलकत्ता में विधवाओं और ग़रीब स्त्रियों को आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाने के लिए प्रशिक्षण देने की शुरुआत की थी। इसी प्रकार पण्डिता रमाबाई सरस्वती ने पुणे में आर्य स्त्री समाज और शारदा सदन के माध्यम से स्त्रियों को रोज़गार दिलाने के लिए प्रशिक्षित करने का कार्यक्रम चलाया था। 1910 में स्वर्ण कुमारी देवी की पुत्री सरला देवी चौधरानी ने केवल स्त्रियों के लिए भारत स्त्री मण्डल की स्थापना करके स्त्रियों को उनके घर पर ही शिक्षित करने का अभियान चलाया था।

Answered by krishna210398
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Answer:

जस्टस वॉन लिबिग

Explanation:

अभी तक बताया जाता था कि शीशे का आविष्कार 1835 में हुआ था। जब जर्मन रसायन विज्ञानी जस्टस वॉन लिबिग (Justus von Liebig) ने कांच के एक फलक की सतह पर मैटेलिक सिल्वर की पतली परत लगाकर इसका इजाद किया था। हालांकि, इससे पहले शीशा प्रचलन में नहीं था। मुख्यतौर पर गरीब तबके के लोगों के पास शीशे होते ही नहीं थे।

घर से बाहर निकलते समय, बाल बनाते समय, खुद पर कुछ नया ट्राई करते समय या खुद को पैंपर करते समय, हम दिन में न जाने कितनी बार आईने में खुद को देखते हैं। ये हमारी दिनचर्या का एक अहम हिस्सा बन गया है, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर इसका आविष्कार किसने किया और पहली बार शीशे में अपना चेहरा किसने देखा? अगर नहीं जानते तो आज हम आपको आईने के बारे में कुछ रोचक बातें बताने जा रहे हैं।

अभी तक बताया जाता था कि शीशे का आविष्कार 1835 में हुआ था। जब जर्मन रसायन विज्ञानी जस्टस वॉन लिबिग (Justus von Liebig) ने कांच के एक फलक की सतह पर मैटेलिक सिल्वर की पतली परत लगाकर इसका इजाद किया था। हालांकि, इससे पहले शीशा प्रचलन में नहीं था। मुख्यतौर पर गरीब तबके के लोगों के पास शीशे होते ही नहीं थे। ऐसे में लोग पानी में ही अपना अक्स देखा करते थे। उस समय घर में शीशे का होना भी लग्जीरियस होता था।

#SPJ3

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