(ग) नाविक तट पर क्यों पछताता है?
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नाविक तट पर पछताता है।
Explanation:
लहरें उठती हैं, गिरती हैं, नाविक तट पर पछताता है। तब यौवन बढ़ता है आगे, निर्झर बढ़ता ही जाता है। निर्झर में गति ही जीवन है, रुक जाएगी यह गति जिस दिन। ... चलना है- केवल चलना है, जीवन चलता ही रहता है।
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