Hindi, asked by Rashiv8522, 1 year ago

गिरगिट कहानी समाज में व्याप्त चाटुकारिता पर करारा व्यंग्य है -​इसे पाठ के आधार पर सोदाहरण सिद्ध कीजिए |

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Answered by VIKAS2288
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 'गिरगिट' ऐसा प्राणी होता है जो परिस्थिति के अनुकूल अपना रंग बदलता है। प्रस्तुत पाठ 'गिरगिट' द्वारा लेखक 'अंतोन चेखव जी' ने अपने मुख्य पात्र ओचुमेलॉव की चापलूसी व् रिश्वतखोरी के माध्यम से समाज में विद्यमान अनेक विसंगतियों को उजागर करने का प्रयास किया है। पेशे से इंस्पेक्टर होने के नाते यह ओचुमेलॉव का कर्तव्य था कि वह न्याय करे, पक्षपात नहीं। परंतु ख्यूक्रिन और कुत्ते के बीच हुए मसले में वह न्याय करना भूल गया तथा अपना स्वार्थ सिद्ध करने हेतु चापलूसी करने लगा। जैसे ही यह ज्ञान हुआ कि कुत्ता जनरल साहब का था और अंत में यह ज्ञान हुआ कि कुत्ता जनरल के भाई का था, वैसे ही ओचुमेलॉव तथा उसका साथी येल्दीरीन, जनरल साहब और उसके भाई की चापलूसी करने लगे। अपनी चाटुकारिता द्वारा वे लाभ प्राप्त करना चाहते थे। ख्यूक्रिन ने भी इस बात का जिक्र किया कि उसका एक भाई पुलिस में था। अतः उपर्युक्त सभी उदाहरण तथा पाठ में वर्णित सभी प्रकरण इस बात को दर्शाते हैं कि 'गिरगिट'पाठ समाज में व्याप्त चाटुकारिता पर करारा व्यंग्य है।
Answered by evilqueen17
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गिरगिट कहानी समाज में व्याप्त चाटुकारिता पर करारा व्यंग्य है -इसे पाठ के आधार पर सोदाहरण सिद्ध कीजिए |

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