गैसों के विनिमय के लिए मानव-फुफ्फुस में अधिकतम क्षेत्रफल को कैसे अभिकल्पित किया है?
Answers
उत्तर :
गैसों के विनिमय के लिए मानव-फुफ्फुस में अधिकतम क्षेत्रफल को निम्न प्रकार से अभिकल्पित किया है।
फुफ्फुस के भीतर अनेक छोटी-छोटी नलिकाएं होती है जो अंत में गुब्बारे जैसे रचना अर्थात कूपिका में अलंकृत होती है, यही कूपिका अधिकतम क्षेत्रफल बनाती है। कूपिकाओं की सतह को फैला दिया जाए तो यह लगभग 80 वर्ग मीटर क्षेत्र को ढक लेंगे। विनिमय के लिए विस्तृत सतह उपलब्ध होने पर गैसों का विनिमय अच्छा होता है। हमारे शरीर में विसरण द्वारा ऑक्सीजन गति करती ,तो हमारे फुफ्फुस से ऑक्सीजन के एक अणु को पैर के अंगुष्ठ तक पहुंचने में लगभग 3 वर्ष का समय लगेगा।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।
Answer:
Lungs play a major role in the respiratory system. In humans, a pair of lungs are designed in such a way that they are lined by a thin membrane, the smaller tubes called bronchioles a balloon-like structure called alveoli and network of blood capillaries increase the surface area for exchange of gases.
Humans have two lungs and are situated within the thoracic cavity of the chest. They are soft spongy and elastic organ enclosed in a thin membranous sac called the pleura. Lungs are divided into a smaller structure called bronchi which are divided into bronchioles. Alveoli are small, round or balloon-like structure found the end of the bronchioles and provide a larger surface area and maximizes the exchange of gases inside the lungs.