हिन्दी कहानी की परिभाषा लिखते हुए श्रेष्ठ कहानी की विशेषताएँ बताइए।
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परिभाषा- कहानी को परिभाषा के चौखटे में बाँधना एक कठिन कार्य है। फिर भी, विद्वानों तथा कहानी-लेखकों ने इसकी परिभाषा अपने ढंग से गढ़ी है। मुझे सबसे अच्छी परिभाषा सुप्रसिद्ध कहानीकार प्रेमचन्द की लगती है। उन्होंने लिखा है : ''कहानी (गल्प) एक रचना है, जिसमें जीवन के किसी एक अंग या मनोभाव को प्रदर्शित करना ही लेखक का उद्देश्य रहता है। उसके चरित्र, उसकी शैली, उसका कथा-विन्यास- सब उसी एक भाव को पुष्ट करते हैं। वह एक ऐसा रमणीय उद्यान नहीं, जिसमें भाँति-भाँति के फूल, बेल-बूटे सजे हुए हैं, बल्कि एक गमला है, जिसमें एक ही पौधे का माधुर्य अपने समुत्रत रूप में दृष्टिगोचर होता है।'' हिन्दी के एक दूसरे कहानीकार अज्ञेय ने कहानी की परिभाषा इस प्रकार दी है- 'कहानी जीवन की प्रतिच्छाया है और जीवन स्वयं एक अधूरी कहानी है, एक शिक्षा है, जो उम्रभर मिलती है और समाप्त नहीं होती।''
किसी प्रसंग को न अत्यंत संक्षिप्त लिखें, न अनावश्यक रूप से विस्तृत | कहानी का आरम्भ आकर्षक होना चाहिए ताकि पाठक का मन उसे पढ़ने में रम जाए। कहानी की भाषा सरल, स्वाभाविक तथा प्रवाहमयी होनी चाहिए। उसमें क्लिष्ट शब्द तथा लम्बे वाक्य न हों।