Biology, asked by nunnaiswarprasad, 2 days ago

हम अनिकेतन , हम अनिकेतन। हम तो रमते राम , हमारा क्या घर , क्या दर , कैसा वेतन? अब तक इतनी यों ही काटी , अब क्या सीखें नव परिपाटी , कौन बनाए आज घरौंदा , हाथों चुन-चुन कंकड़-माटी , ठाठ फकीराना है अपना, बाघम्बर सोहे अपना तन। देखे महल , झोपड़े देखे , देखे हास- विलास मजे के , संग्रह के सब विग्रह देखे , जँचे नहीं कुछ अपने लेखे , हम क्यों सने ईंट गारे में , हम क्यों बने व्यर्थ
.कवि के अनुसार उसका अब- तक का जीवन कैसा रहा है?

(क) रईसों का
 (ख) मजदूर का
 (ग) फकीराना
 (घ) संग्रह का

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Answered by jhope188
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Answer:

Explanation:

क कवि अपने जीवन को संघर्षों के साथी रहा था

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