Hindi, asked by AtharvaKalbhor2182, 11 months ago

हमारी ज़मीन हमारे पानी का मज़ा ही कुछ और है !

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Answered by laabhansh9545jaiswal
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Answer:

मार्क अस ब्रैंलिएस्ट आंसर

Explanation:

Answer

यह बात अमृतसर के कस्टम विभाग में तैनात सुनीलदास गुप्त द्वारा साफिया के सम्मुख अपने वतन ढाका के बारे में कही गई।

उस ऑफिसर को अमृतसर में रहकर भी ढाका का ढाभ, ढाका की जमीन और ढाका का पानी याद आता है। इन्हें याद करके वह भावुक हो उठता है। यही भावना अपने जन्म स्थान के प्रति लगाव को दर्शाती है। यह जीवन भर बनी रहती है।

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