Hindi, asked by shouryarai130, 3 months ago

हरिहर काका chapter explanation in 100 - 150 class 10

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Answered by rahul42291
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Harihar Kaka Summary - पाठ सार

लेखक कहता है कि वह हरिहर काका के साथ बहुत गहरे से जुड़ा था। लेखक का हरिहर काका के प्रति जो प्यार था वह लेखक का उनके व्यावहार के और उनके विचारों के कारण था और उसके दो कारण थे। पहला कारण था कि हरिहर काका लेखक के पड़ोसी थे और दूसरा कारण लेखक को उनकी माँ ने बताया था कि हरिहर काका लेखक को बचपन से ही बहुत ज्यादा प्यार करते थे। जब लेखक व्यस्क हुआ तो उसकी पहली दोस्ती भी हरिहर काका के साथ ही हुई थी। लेखक के गाँव की पूर्व दिशा में ठाकुर जी का विशाल मंदिर था, जिसे गाँव के लोग ठाकुरबारी यानि देवस्थान कहते थे। लोग ठाकुर जी से पुत्र की मन्नत मांगते, मुक़दमे में जीत, लड़की की शादी किसी अच्छे घर में हो जाए, लड़के को नौकरी मिल जाए आदि मन्नत माँगते थे। मन्नत पूरी होने पर लोग अपनी ख़ुशी से ठाकुरजी को रूपए, ज़ेवर, और अनाज चढ़ाया करते थे। जिसको बहुत अधिक ख़ुशी होती थी वह अपने खेत का छोटा-सा भाग ठाकुरजी के नाम कर देता था और यह एक तरह से प्रथा ही बन गई। लेखक कहता है कि उसका गाँव अब गाँव के नाम से नहीं बल्कि देव-स्थान की वजह से ही पहचाना जाता था। उसके गाँव का यह देव-स्थान उस इलाके का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध देवस्थान था। हरिहर काका ने अपनी परिस्थितिओं के कारण देव-स्थान में जाना बंद कर दिया था। मन बहलाने के लिए लेखक भी कभी-कभी देव-स्थान चला जाता था। लेकिन लेखक कहता है कि वहाँ के साधु-संत उसे बिलकुल भी पसंद नहीं थे। क्योंकि वे काम करने में कोई दिलचस्पी नहीं रखते थे। भगवान को भोग लगाने के नाम पर वे दिन के दोनों समय हलवा-पूड़ी बनवाते थे और आराम से पड़े रहते थे। सारा काम वहाँ आए लोगों से सेवा करने के नाम पर करवाते थे। वे खुद अगर कोई काम करते थे तो वो था बातें बनवाने का काम।

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