Hindi, asked by mthakurathi4444, 3 months ago

हस्ती चढ़िए ज्ञान को, सहज दुलीचा डारि।
स्वान रूप संसार है, भूकन दे झख मारि ।।
पखापखी के कारनै, सब जग रहा भुलान।
निरपख होइ के हरि भजै, सोई संत सुजान।
(क) पखा पखी से कवि का क्या तात्पर्य है?
(ख) कवि ने संसार को स्वान के समान क्यों कहा है?
(ग) 'सब जग रहा भुलान' का क्या आशय है?​

Answers

Answered by kblack2794
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Answer:

क पक्ष विपक्ष नही करना चाहिए

ख इसका मतलब है कि कवि कहते है ये संसार स्वान के सामन है अर्थात ये हमेशा सही पथ पर जाने वालो को तंग करते है

ग इस पूरे संसार को भूलकर हमेशा अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्र रहना चाहिए

Answered by jk623112
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Explanation:

  1. हस्ती चढ़ती ज्ञान को सचेत दूलंली चारी समान रूप संसार है दुकान से मारी हिंदी में
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