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Vidyarthi Jeevan Mein Vidya ka mahatva nibandh 560 sabad.
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#RAM RAM ji ❤☺
___HellØ
ĀNSWĒR ⏬⏬
विद्या को सबसे बड़ा धन माना गया है। मानव को सभी जीव जन्तुओ में सर्वोत्तम माना गया है
विद्यार्थी जीवन मानव जीवन का यह सुनहला समय है जिसमें वह विद्यालय में ज्ञानोपार्जन के लिए जाता है .किसी भी व्यक्ति के लिए विद्यार्थी जीवन अत्यंत महत्वपूर्ण है.और विद्यार्थी के जीवन में विदया से बढकर कुछ नही । जिस तरह पेड़ को उपजाऊ बनाने के लिए पानी की अव्शक है उसी प्रकार ऐक विद्यार्थी अपनी पढाई अथार्त विदय के बल पर ही अपने जीवन मे सरवोतमम आ सकता है। विद्यार्थी जीवन, पूर्ण जीवन रूपी भवन की आधारशिला है, अतः इसे सभी प्रकार से सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।
विद्या अमूल्य और अनश्वर धन है। इसका नाश कभी नहीं होता। लेकिन अन्य सभी धन नष्ट हो जाते हैं। विद्या है वो जानकारी और गुण, जो हम दिखाने, सुनाने, या पढ़ाने ( शिक्षा) के माध्यम से प्राप्त करते है। बच्चा विद्यालय में प्रवेश लेकर ज्ञानार्जन के लिए उद्यत हो जाता है । शिक्षा विद्यार्थी का जीवन संवारने का कार्य करती है।
विद्या द्वारा ही विद्यार्थी कज मस्तिष्क का विकास हो सकता है और समाज एवं राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य को समझने तथा उनके व्यवहार में लाने की भी शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए। तभी यह नींव मजबूत होगी।
अतः जीवन का प्रथम भाग ही विद्या के लिए सर्वथा उपयुक्त माना जाता है। नीतिकारों का कथन है कि:-
पहले में विद्या नहीं, धन न दूजे काल।
नहीं कमाया धर्म फिर अंत बुरा ही काल।।
_________________________________
✨✨✨✨ THANKS ✨✨✨✨✨
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#HARYANVI THINKER ✔❤
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विद्या को सबसे बड़ा धन माना गया है। मानव को सभी जीव जन्तुओ में सर्वोत्तम माना गया है
विद्यार्थी जीवन मानव जीवन का यह सुनहला समय है जिसमें वह विद्यालय में ज्ञानोपार्जन के लिए जाता है .किसी भी व्यक्ति के लिए विद्यार्थी जीवन अत्यंत महत्वपूर्ण है.और विद्यार्थी के जीवन में विदया से बढकर कुछ नही । जिस तरह पेड़ को उपजाऊ बनाने के लिए पानी की अव्शक है उसी प्रकार ऐक विद्यार्थी अपनी पढाई अथार्त विदय के बल पर ही अपने जीवन मे सरवोतमम आ सकता है। विद्यार्थी जीवन, पूर्ण जीवन रूपी भवन की आधारशिला है, अतः इसे सभी प्रकार से सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।
विद्या अमूल्य और अनश्वर धन है। इसका नाश कभी नहीं होता। लेकिन अन्य सभी धन नष्ट हो जाते हैं। विद्या है वो जानकारी और गुण, जो हम दिखाने, सुनाने, या पढ़ाने ( शिक्षा) के माध्यम से प्राप्त करते है। बच्चा विद्यालय में प्रवेश लेकर ज्ञानार्जन के लिए उद्यत हो जाता है । शिक्षा विद्यार्थी का जीवन संवारने का कार्य करती है।
विद्या द्वारा ही विद्यार्थी कज मस्तिष्क का विकास हो सकता है और समाज एवं राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य को समझने तथा उनके व्यवहार में लाने की भी शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए। तभी यह नींव मजबूत होगी।
अतः जीवन का प्रथम भाग ही विद्या के लिए सर्वथा उपयुक्त माना जाता है। नीतिकारों का कथन है कि:-
पहले में विद्या नहीं, धन न दूजे काल।
नहीं कमाया धर्म फिर अंत बुरा ही काल।।
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learner12345:
vidyarthi jeevan ke baare me nahi
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