Hi i have question in the hindi that we have to write khathe-mithe anubhav in lockdown
so please help
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। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए देशव्यापी लॉकडाउन ने एक ओर जहां जिदगी की रफ्तार को कम कर दिया है, तो वहीं दूसरी तरफ इसने एक नई जिदगी जीने की प्रेरणा भी दी है। कोविड-19 के बचाव का एकमात्र उपयुक्त उपाय लॉकडाउन और सोशल-फीजिकल डिस्टेंसिग ही है। ऐसे में लगातार एक लंबे समय तक घर पर रहने से दिनचर्या में निश्चित तौर पर आमूलचूल बदलाव आया है। लॉकडाउन ने देश के सभी नागरिकों को जिदगी जीने के प्रति गंभीर बदलाव लाने के लिए विवश कर दिया है। साथ ही लॉकडाउन ने सकारात्मक सोच और नवीन ऊर्जा के साथ नए सिरे से समाज निर्माण के लिए भी अग्रसर कर दिया है। समय बलवान और मूल्यवान होता है। कोरोना जैसे मुश्किल भरी विपदा ने लोगों को काफी कुछ सीखा दिया है। कोरोना संकट ने लोगों को समय के साथ जीना सीखा दिया है। साथ ही इसने भविष्य के प्रति भी हमें सजग और आगाह कर दिया है। आज प्रकृति- पर्यावरण का असंतुलन जीव-जंतुओं सहित मानव जीवन के लिए भी खतरनाक है। कोरोना संकट से मानवाधिकार सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। लोगों की रोजी-रोटी छीन गई है। लोग परेशान और हलकान हैं। बहरहाल कोरोना से उत्पन्न समस्या से निजात पाने के लिए हर कोई उम्मीद लगाए बैठा है। लॉकडाउन के दौरान कई खट्टे-मीठे अनुभव मिल रहे हैं। खुद को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए रोजाना सुबह में व्यायाम और योगा दैनिक दिनचर्या में शामिल हो गया है। इस क्रम में शिक्षाविद व समाज विज्ञानी डॉ. दीपक कुमार दिनकर कहते हैं कि इन दिनों वे एक किताब लिखने में व्यस्त हैं। साथ ही रिसर्च पेपर, आलेख आदि भी लिख रहे हैं। इसके अलावा छात्रों के लिए ई-कंटेंट बना रहे हैं। ताकि लॉकडाउन के दौरान उन्हें स्टडी मेटेरियल उपलब्ध करा सकें। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता के माध्यम से संसार को जो शिक्षा दी है, वह अनुपम है। भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि यदि आप लक्ष्य को प्राप्त करने में विफल रहते हैं, तो अपनी रणनीति बदलें, लक्ष्य नहीं।
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