Hindi poem including words tare ,aakash ,parvat, nadi, pruthvi in rimeskim
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मेरी प्यारी पृथ्वी की छवि निराली,
ऊपर तारों से आकाश जगमगाये,
ऊँचें ऊँचे पर्वत इसकी शोभा बढ़ायें,
विशाल नदियाँ बहकर सबके मन को बहलायें,
जहाँ बड़े बड़े वृक्ष लहरायें,
पशु पक्षियों के मन को भायें।
ऐसी सुंदर पृथ्वी मेरी,
जिसकी सुन्दरता पर सब मोहित हो जायें।
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