Hindi, asked by satishkujur9849, 9 months ago

Hindi summary of vinay ke pad by tulsidas

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Answered by devanshiraghav111
4

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सो संपदा बिभीषन कहँ अति सकुच-सहित हरि दीन्हीं॥ तुलसिदास सब भाँति सकल सुख जो चाहसि मन मेरो। तौ भजु राम, काम सब पूरन करैं कृपानिधि तेरो॥ व्याख्या - प्रस्तुत पद में महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं कि इस संसार में श्रीराम के समान कोई दयावान नहीं है जो कि बिना सेवा के ही दीन दुखियों पर अपनी कृपा बरसाते हैं।

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Answered by vb624457
1

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सो संपदा बिभीषन कहँ अति सकुच-सहित हरि दीन्हीं॥ तुलसिदास सब भाँति सकल सुख जो चाहसि मन मेरो। तौ भजु राम, काम सब पूरन करैं कृपानिधि तेरो॥ व्याख्या - प्रस्तुत पद में महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं कि इस संसार में श्रीराम के समान कोई दयावान नहीं है जो कि बिना सेवा के ही दीन दुखियों पर अपनी कृपा बरसाते हैं।

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