Hindi, asked by aarushitalwar, 10 months ago

I. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- भाग्यवादी व्यक्ति आलसी तथा निकम्मा तो हो ही जाता है, वह अपने समूचे व्यक्तितत्व और अपने जीवन को दुखी भी बना लेता है।वह यह नहीं सोचता है कि ईश्वर ने ठीक बुद्धि दी है,सोचने – समझने की शक्ति दी है, हाथ – पाँव दिए हैं, अनेक प्रकार की शक्तियाँ प्रदान की हैं और ये सारी वस्तुएँ इसलिए दी हैंकि इन सबका उचित तथा सुसाधित प्रयोग करके वह पुरूषार्थ के मार्ग पर अग्रसर होकर अपने जीवन को सुखी तथा समृद्ध बना ले। इस प्रकार पूर्णतया मनुष्य भाग्यवाद के चक्कर में पडकर मनुष्य युगों-युगों से चालाक लोगों के हाथों शोषित तथा पीड़ित होता आ रहा है।वह भाग्य को पूर्व जन्म के कर्मों का परिणाम मानता आ अरहा है।एक साहूकार का बेटा बिना परिश्रम किए ही गद्दी का वारिस बन जाता है।अतः भाग्यवादी मान्यताओं के अनुसार स्पष्ट है कि यहाँ पूर्वजन्म के कर्मों के रूप में उसको सब कुछ प्राप्त हुआ है। भाग्य और पूर्वजन्म के कर्मों के रूप में उसका भोग प्रत्येक व्यक्ति के लिए अनिवार्य है। उससे बच पाना कठिन ही नहीं बल्किनसंभव भी है। (i)भाग्यवादी व्यक्ति कैसा बन जाता है? (ii)भाग्यवादी व्यक्ति क्या नहीं सोचता ? (iii)भाग्यवाद के चक्कर में पड़कर मनुष्य क्या करता आ रहा है? (iv)भाग्य और पूर्वजन्म के संदर्भ में लेखक का क्या कहना है? (v)इस गद्यांश का उचित शीर्षक लिखि

Answers

Answered by Rudrakale0111
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Answer:

aap ko kya kehena he

Explanation:

aap ke saval galat hai

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