I need separate essays in hindion the five sense organs each.pls make it quick i need to submit on 8 th of june.
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आँख , कान , नाक , जीब, चमड़ा हमारे पांच इन्द्रियाँ हैं.
आँखों से हम देखते हैं , पहचानते हैं और समझतें हैं। इसके बिना हम कुछ भी काम कर नहीं सकतें। आँखें ईश्वर का एक महत्वपूर्ण देन है। इसका हमे सही इस्तमाल करना चाहिए।
कान से हम सुनतें हैं। कान भी हमारा एक जरूरी अंग है। इसके बिना किसी की भी बात सुन नही सकते ।. जब सुनते नहीं तो जवाब नहीं दे सकते। जीवन में सुनने समझने के लिए कान का होना बहुत आवश्यक है।
नाक से हम सांस लेते हैं जो जीने के लिए बहुत आवश्यक है। नाक नही तो जीवन नही ।सूंगने के लिए भी नाक हमारे काम आता है।
जीब बात करने के लिए अति आवश्यक है । इससे हम खाना चबाके खातें हैं। जीब खाने के समय स्वाद पहचानने में भी मदद करता है।
चमड़ा हमें बाहर के तत्वों से बचाता है । हमारा चमड़ा हमारे शरीर को रोगजनकों से बचाता हैं। शरीर के पानी को बचाके रकने में भी मदद करता है।
आँखों से हम देखते हैं , पहचानते हैं और समझतें हैं। इसके बिना हम कुछ भी काम कर नहीं सकतें। आँखें ईश्वर का एक महत्वपूर्ण देन है। इसका हमे सही इस्तमाल करना चाहिए।
कान से हम सुनतें हैं। कान भी हमारा एक जरूरी अंग है। इसके बिना किसी की भी बात सुन नही सकते ।. जब सुनते नहीं तो जवाब नहीं दे सकते। जीवन में सुनने समझने के लिए कान का होना बहुत आवश्यक है।
नाक से हम सांस लेते हैं जो जीने के लिए बहुत आवश्यक है। नाक नही तो जीवन नही ।सूंगने के लिए भी नाक हमारे काम आता है।
जीब बात करने के लिए अति आवश्यक है । इससे हम खाना चबाके खातें हैं। जीब खाने के समय स्वाद पहचानने में भी मदद करता है।
चमड़ा हमें बाहर के तत्वों से बचाता है । हमारा चमड़ा हमारे शरीर को रोगजनकों से बचाता हैं। शरीर के पानी को बचाके रकने में भी मदद करता है।
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