Hindi, asked by Kunalchn, 1 year ago

I want all answers of ekanki sanchay chapter 3 . And plzz hurry

Answers

Answered by swapnil756
13
नमस्कार दोस्त

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(1)


प्रश्न
(i) इन शब्दों में किससे से, किसके रूप की प्रशंसा, किन शब्दों में किया गया है? उत्तर में अपने शब्दों में लिखें।
(ii) इन शब्दों को सुनकर माँ क्यों चौंक पड़ी? उनका मन किस सा प्रश्न उठा?
(iii) क्या उमा ने अविनाश की बहू को देखा? अगर हाँ, तो वह उसके घर कब आए और क्यों?
(iv) माँ ने अविनाश की बहू को क्यों नहीं लिया? समझाकर लिखिए

उत्तर

(i)
इन शब्दों में उमा के द्‌वारा अविनाश की पत्नी की प्रशंसा की गई है। उमा अपनी सास से कहती है कि अविनाश की पत्नी बहुत भोली और प्यारी है, जो उसे एक बार देख ले तो उसका मन बार-बार उसे देखने के लिए मचल उठेगा।


(ii) उमा ने जब अविनाश की पत्नी की विशेषताओं का उल्लेख किया तो माँ (उमा की सास) चौंक पड़ी क्योंकि उसे इस बात का आभास नहीं था कि उमा अविनाश की पत्नी से मिली है क्योंकि अविनाश अपनी पत्नी के साथ अलग रहता था।

(iii) हाँ, उमा ने अविनाश की पत्नी को देखा था। एक दिन जब माँ अविनाश की पत्नी से बहुत गुस्सा होकर दुखी हो रही थी तब उमा माँ कोबिना बताए अविनाश की पत्नी से मिलने उसके घर चली गई थी।

(iv) माँ एक हिन्दू वृद्‌धा है जो जाति-पाँति, ऊँच-नीच और छुआछूत में विश्वास रखती हैं। वे हिन्दू समाज की रूढ़िवादी संस्कारों से ग्रस्त हैं। वे संस्कारों की दास हैं। उसके दो पुत्र हैं -बड़ा अविनाश और छोटा अतुल।

(2)

प्रश्न
प्रश्न (i) "अभी चलो माँ" - इस वाक्यांश को किसने, किससे और किस अवसर पर कहा ? (ii) अतुल का चरित्र-चित्रण कीजिए। (iii) अतुल और उमा माँ के किस निर्णय से प्रसन्न हैं ? उनकी माँ के विचारों में परिवर्तन का क्या कारण था ? समझाकर लिखिए। (iv) अंतर्जातीय विवाह का देश की एकता और अखंडता में क्या महत्त्व है ? संक्षेप में अपने विचार लिखिए।

उत्तर

(i) उपर्युक्त वाक्यांश अतुल ने अपनी माँ को उस अवसर पर कहा जब माँ को मिसरानी से पता चला कि अविनाश तो हैजा से बच गया लेकिन अब वहीं बीमारी अविनाश की पत्नी को हो गया है और वह मरणासन्न है तब माँ अतुल से कहती है वह उसे अविनाश के पास ले चले।

(ii) अतुल एकांकी का प्रमुख पुरुष पात्र है। वह माँ का छोटा बेटा, अविनाश का अनुज और उमा का पति है। वह प्राचीन संस्कारों को मानते हुए आधुनिकता में यकीन रखने वाला एक प्रगतिशील नवयुवक है। वह माँ का आज्ञाकारी पुत्र होते हुए भी माँ की गलत बातों का विरोध भी करता है।

(iii) जब माँ को अविनाश की पत्नी की बीमारी की सूचना मिलती है तब उसका हृदय मातृत्व की भावना से भर उठता है। उसे इस बात का आभास है कि यदि बहू को कुछ हो गया तो अविनाश नहीं बचेगा। माँ को पता है कि अविनाश को बचाने की शक्ति केवल उसी में है। इसलिए वह प्राचीन संस्कारों के बाँध को तोडकर अपने बेटे के पास जाना चाहती है।

(iv) भारतवर्ष में अंतर्जातीय विवाह का चलन कोई नई बात नहीं है। सम्राट अकबर से लेकर इंदिरा गांधी तक, सुनील दत्त से लेकर शाहरुख खान 
तक देश में हज़ारों ऐसे उदाहरण देखे जा सकते हैं जहां विभिन्न समुदाय के लोग परस्पर विवाह के बंधन में बँधे हैं। भारत में विभिन्न धर्म और जाति के लोग रहते हैं।
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आशा है कि यह आपकी मदद करेगा

Kunalchn: Bro it is 2 nd chapter I want3rd one
Answered by Anonymous
4

प्रश्न क-i:

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

उनके पौरुष की परीक्षा का दिन आ पहुँचा है। महारावल बाप्पा का वंशज मैं लाखा प्रतिज्ञा करता हूँ कि जब तक बूँदी के दुर्ग में ससैन्य प्रवेश नहीं करूँगा, अन्न जल ग्रहण नहीं करूँगा।

महाराणा लाखा ने प्रतिज्ञा क्यों ली?

उत्तर:

मेवाड़ नरेश महाराणा लाखा ने सेनापति अभी सिंह से बूँदी के राव हेमू के पास यह संदेश भिजवाया कि बूँदी मेवाड़ की अधीनता स्वीकार करे ताकि राजपूतों की असंगठित शक्ति को संगठित करके एक सूत्र में बाँधा जा सके, परंतु राव ने यह कहकर प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया कि बूँदी महाराणाओं का आदर तो करता है, पर स्वतंत्र रहना चाहता है। हम शक्ति नहीं प्रेम का अनुशासन करना चाहते हैं। यह सुन कर राणा लाख प्रतिज्ञा करते हैं।

प्रश्न क-ii:

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

उनके पौरुष की परीक्षा का दिन आ पहुँचा है। महारावल बाप्पा का वंशज मैं लाखा प्रतिज्ञा करता हूँ कि जब तक बूँदी के दुर्ग में ससैन्य प्रवेश नहीं करूँगा, अन्न जल ग्रहण नहीं करूँगा।

किसका वंशज क्या प्रतिज्ञा करता है?

उत्तर :

महारावल बाप्पा का वंशज महाराणा लाखा प्रतिज्ञा करते है कि ‘जब तक बूँदी के दुर्ग में ससैन्य प्रवेश नहीं करूँगा, अन्न जल ग्रहण नहीं करूँगा।’

प्रश्न क-iii:

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

उनके पौरुष की परीक्षा का दिन आ पहुँचा है। महारावल बाप्पा का वंशज मैं लाखा प्रतिज्ञा करता हूँ कि जब तक बूँदी के दुर्ग में ससैन्य प्रवेश नहीं करूँगा, अन्न जल ग्रहण नहीं करूँगा।

किसके पौरुष की परीक्षा का दिन आ गया?

उत्तर:

मेवाड़ के सैनिकों के लिये युद्ध-भूमि में वीरता दिखाने की परीक्षा का दिन आ गया।

प्रश्न क-iv:

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

उनके पौरुष की परीक्षा का दिन आ पहुँचा है। महारावल बाप्पा का वंशज मैं लाखा प्रतिज्ञा करता हूँ कि जब तक बूँदी के दुर्ग में ससैन्य प्रवेश नहीं करूँगा, अन्न जल ग्रहण नहीं करूँगा।

महाराणा लाखा जनसभा में क्यों नहीं जाना चाहते?

उत्तर:

मेवाड़ के शासक महाराणा लाखा को नीमरा के युद्ध के मैदान में बूँदी के राव हेमू से पराजित होकर भागना पड़ा, इसलिए अपने को धिक्कारते हैं, और आत्मग्लानि अनुभव करने के कारण जनसभा में भी नहीं जाना चाहते।

प्रश्न ख-i:

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

इस मिट्टी के दुर्ग को मिट्टी में मिलाने से मेरी आत्मा को संतोष नहीं होगा, लेकिन अपमान की वेदना में जो विवेकहीन प्रतिज्ञा मैंने कर डाली थी, उससे तो छुटकारा मिल ही जाएगा।

महाराणा ने किसके सुझाव पर बूँदी का नकली महल बनवाया?

उत्तर:

महाराणा ने चारणी सुझाव पर बूँदी का नकली महल बनवाया।

प्रश्न ख-ii:

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

इस मिट्टी के दुर्ग को मिट्टी में मिलाने से मेरी आत्मा को संतोष नहीं होगा, लेकिन अपमान की वेदना में जो विवेकहीन प्रतिज्ञा मैंने कर डाली थी, उससे तो छुटकारा मिल ही जाएगा।

नकली दुर्ग क्यों बनवाया गया?

उत्तर:

महाराणा लाखा ने गुस्से में यह प्रतिज्ञा की थी कि जब तक वे बूँदी के दुर्ग में ससैन्य प्रवेश नहीं करेंगे, अन्न जल ग्रहण नहीं करेंगे। चारिणी ने उन्हें सलाह दी कि वे नकली दुर्ग का विध्वंस करके अपनी प्रतिज्ञा पूर्ण कर ले। महाराणा ने यह प्रस्ताव स्वीकार किया क्योंकि वे हाड़ाओं को उनकी उदण्डता का दंड देना चाहते थे तथा अपने व्रत का भी पालन करना चाहते थे।

प्रश्न ख-iii:

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

इस मिट्टी के दुर्ग को मिट्टी में मिलाने से मेरी आत्मा को संतोष नहीं होगा, लेकिन अपमान की वेदना में जो विवेकहीन प्रतिज्ञा मैंने कर डाली थी, उससे तो छुटकारा मिल ही जाएगा।

महाराणा की प्रतिज्ञा विवेकहीन क्यों थी?

उत्तर:

महाराणा ने बिना सोचे समझे प्रतिज्ञा की थी इसलिए यह विवेकहीन थी।

प्रश्न ख-iv:

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

इस मिट्टी के दुर्ग को मिट्टी में मिलाने से मेरी आत्मा को संतोष नहीं होगा, लेकिन अपमान की वेदना में जो विवेकहीन प्रतिज्ञा मैंने कर डाली थी, उससे तो छुटकारा मिल ही जाएगा।

‘मातृभूमि का मान’ एकांकी शीर्षक की सार्थकता सिद्ध कीजिए।

उत्तर:

प्रस्तुत एकांकी ‘मातृभूमि का मान’ शीर्षक सार्थक है क्योंकि यहाँ मातृभूमि के मान के लिए ही महाराणा लाखा, बूँदी के नरेश तथा वीर सिंह लड़ते है तथा वीरसिंह ने अपनी मातृभूमि बूँदी के नकली दुर्ग को बचाने के लिए अपने प्राण की आहुति दे दी।

प्रश्न ग-i:

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

वीरसिंह और जिस जन्मभूमि की धूल में खेलकर हम बड़े हुए हैं, उसका अपमान भी कैसे सहन किया जा सकता है? हम महाराणा के नौकर हैं तो क्या हमने अपनी आत्मा भी उन्हें बेच दी है? जब कभी मेवाड़ की स्वतंत्रता पर आक्रमण हुआ है, हमारी तलवार ने उनके नमक का बदला दिया है।

वीरसिंह की मातृभूमि कौन-सी थी और वह मेवाड़ में क्यों रहता था?

उत्तर:

वीरसिंह की मातृभूमि बूँदी थी। वह मेवाड़ में इसलिए रहता था क्योंकि वह महाराणा लाखा की सेना नौकरी

करता था।

Hope it helps!

Plz mark my answer as brainliest..

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