I want its story of this outline
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roti ki keemat . hope it will help you
ankit934137:
I want the story not the moral
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एक गाँव में 2 बिल्लियाँ रहती थी | वो दोनों आपस में बहुत प्यार से रहती थी | उन्हें जो कुछ भी मिलता था, उसे आपस में मिल-बांटकर खाया करती थी | एक दिन उन्हें एक रोटी मिली | उसे बराबर -बराबर बाँटते वक़्त उनमें झगड़ा हो गया | एक बिल्ली को अपनी रोटी का टुकड़ा दूसरी बिल्ली के रोटी के टुकड़े से छोटा लगा | लेकिन दूसरी बिल्ली को अपनी रोटी का टुकड़ा छोटा नहीं लगा |
जब दोनों बिल्लियाँ किसी नतीजे तक नहीं पहुंची तो दोनों बिल्लियाँ एक बन्दर के पास गयीं | उन्होंने बन्दर को सारी बात बतायी और उससे न्याय करने के लिए कहा | सारी बात सुनकर बन्दर एक तराजू लेकर आया और दोनों टुकड़े एक-एक पलड़े में रख दिए | तोलते समय जो पलड़ा भारी हुआ, उस वाली तरफ से उसने थोड़ी सी रोटी तोड़कर अपने मुँह में डाल ली | अब दूसरी तरफ का पलड़ा भारी हो गया, तो बन्दर ने उस तरफ से रोटी तोड़कर अपने मुँह में डाल ली | इस तरह बन्दर कभी इस तरफ से तो कभी दूसरी तरफ से रोटी ज्यादा होने का कारण बताकर रोटी तोड़कर अपने मुँह में डाल लेता |
दोनों बिल्लियाँ चुपचाप बन्दर के फैंसले का इंतज़ार करती रहीं लेकिन जब दोनों बिल्लियों ने देखा कि दोनों टुकड़े बहुत छोटे-छोटे रह गए तो वे बन्दर से बोली : ” आप चिंता ना करो, हम लोग अपने आप रोटी का बंटवारा कर लेंगी”
इस बात पर बन्दर बोला – ” जैसा आप दोनों को ठीक लगे, लेकिन मुझे भी अपनी मेहनत कि मज़दूरी तो मिलनी ही चाहिए ना” इतना कहकर बन्दर ने रोटी के बचे हुए दोनों टुकड़े अपने मुँह में डाल लिए और बिल्लियों को वहां से खाली हाथ भगा दिया |
दोनों बिल्लियों को अपनी गलती का एहसास चुका था और उन्हें समझ में आ चुका था कि “आपस की फूट बहुत बुरी होती है और दूसरे इसका फायदा उठा सकते हैं”
MARK IT AS THE BRAINLIEST ANSWER
जब दोनों बिल्लियाँ किसी नतीजे तक नहीं पहुंची तो दोनों बिल्लियाँ एक बन्दर के पास गयीं | उन्होंने बन्दर को सारी बात बतायी और उससे न्याय करने के लिए कहा | सारी बात सुनकर बन्दर एक तराजू लेकर आया और दोनों टुकड़े एक-एक पलड़े में रख दिए | तोलते समय जो पलड़ा भारी हुआ, उस वाली तरफ से उसने थोड़ी सी रोटी तोड़कर अपने मुँह में डाल ली | अब दूसरी तरफ का पलड़ा भारी हो गया, तो बन्दर ने उस तरफ से रोटी तोड़कर अपने मुँह में डाल ली | इस तरह बन्दर कभी इस तरफ से तो कभी दूसरी तरफ से रोटी ज्यादा होने का कारण बताकर रोटी तोड़कर अपने मुँह में डाल लेता |
दोनों बिल्लियाँ चुपचाप बन्दर के फैंसले का इंतज़ार करती रहीं लेकिन जब दोनों बिल्लियों ने देखा कि दोनों टुकड़े बहुत छोटे-छोटे रह गए तो वे बन्दर से बोली : ” आप चिंता ना करो, हम लोग अपने आप रोटी का बंटवारा कर लेंगी”
इस बात पर बन्दर बोला – ” जैसा आप दोनों को ठीक लगे, लेकिन मुझे भी अपनी मेहनत कि मज़दूरी तो मिलनी ही चाहिए ना” इतना कहकर बन्दर ने रोटी के बचे हुए दोनों टुकड़े अपने मुँह में डाल लिए और बिल्लियों को वहां से खाली हाथ भगा दिया |
दोनों बिल्लियों को अपनी गलती का एहसास चुका था और उन्हें समझ में आ चुका था कि “आपस की फूट बहुत बुरी होती है और दूसरे इसका फायदा उठा सकते हैं”
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