(ii) तब और आज के नए जूतों में क्या अंतर है?
Answers
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Explanation:
जूता पैरों में पहनने की एक ऐसी वस्तु है जिसका उद्देश्य विभिन्न गतिविधियां करते समय मानव के पैर की रक्षा करना और उसे आराम पहुंचाना है। जूतों का उपयोग एक सजावट की वस्तु के रूप में भी किया जाता है।
समय-समय पर तथा संस्कृति से संस्कृति जूते के डिजाइन व रंग-रूप में अत्यधिक परिवर्तिन हुआ है, मूल स्वरूप में इसे काम के समय पहना जाता था। इसके अतिरिक्त, फैशन ने अक्सर कई डिजाइन तत्वों को निर्धारित किया है, जैसे जूते की एड़ी बहुत ही ऊंची हो या समतल हो। समकालीन जूते शैली, जटिलता और लागत की दृष्टि से व्यापक रूप में भिन्न होते हैं। बुनियादी सैंडल में केवल एक पतला तला और एक सामान्य पट्टा शामिल था। उच्च फैशन जूते महंगी सामग्री से और जटिल निर्माण प्रक्रिया द्वारा बनाए जाते हैं तथा उन्हें हजारों डॉलर प्रति जोड़ी बेचा जा सकता है। अन्य जूते अति विशिष्ट प्रयोजनों के लिए होते हैं, जैसे पर्वतारोहण और स्कीइंग के लिए डिजाइन किए गए जूते (बूट).
पारंपरिक रूप से जूते चमड़ा, लकड़ी या कैनवास से बनाए जाते रहे हैं लेकिन उत्तरोत्तर रबर, प्लास्टिक और अन्य पेट्रोरसायन-व्युत्पन्न सामग्री से बनाए जाने लगे हैं।
हाल के वर्षों तक,[कब?] विश्व की जनसंख्या के अधिकांश लोगों द्वारा जूते नहीं पहने जाते थे क्योंकि वे खरीदने में समर्थ नहीं थे। बड़ी संख्या में उत्पादन के आगमन के उपरांत ही जूतों के सस्ती दर पर उपलब्ध होने से, जूते पहनने का चलन प्रबल हुआ है।
शरीर के अन्य किसी अकेले अंग की तुलना में पैर में अधिक हड्डियां होती हैं। हालांकि यह सैकड़ों हजारों वर्षों में अत्यधिक भिन्न इलाकों और जलवायु स्थितियों के साथ संबंध रख कर विकसित हुआ है, किंतु पैर अभी भी पर्यावरणीय खतरों, जैसे तीक्ष्ण चट्टानों एवं गर्म जमीन के प्रति अति संवेदनशील है, जूते इन खतरों से उसकी रक्षा करते हैं।