CBSE BOARD X, asked by sanciaanil0, 1 month ago

Imagine the tiger writes a diary entry conveying how he feels helpless, angry and frustrated in the concrete cell. He writes about his desire to be free. Write that diary entry.​

Answers

Answered by harshbhatiapg
6

Answer:

what you is stup.id

Explanation:

आज ही के दिन अर्थात 5 सितम्बर, 1888 को डॉ सर्वेपल्ली राधाकृष्णन महोदय का जन्म हुआ था। आपकी इच्छा थी कि आपका जन्म दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए। इसलिए आज का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

ब्रिटिश नाइट , आर्डर डे मेरिट, भारत रत्न जैसे पुरूस्कारों से नवाजे गए डॉ सर्वेपल्ली राधाकृष्णन सोवियत रूस में भारत के राजदूत भी रहे, संयुक्तराष्ट्र संघ में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया साथ साथ भारत के प्रथम उप राष्ट्रपति एवं द्वितीय राष्ट्रपति जैसे पदों को भी सुशोभित किया।

अद्वैत वेदान्त में विश्वास रखने वाले राधाकृष्णन जी ने रवीन्द्रनाथ टैगोर के दर्शन , भारतीय दर्शन सहित दर्शनशास्त्र पर सैंकड़ों पुस्तकों का लेखन किया। भगवत गीता, उपनिषद पर कई पुस्तकें लिखी तो "हिन्दू व्यू ऑफ लाइफ" पुस्तक ने उनके लेखन कार्य को काफ़ी ऊंचाइयां प्रदान की।

आज शिक्षक दिवस के इस अवसर पर विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से आप सभी की शुभकामनाएं प्राप्त हुई.... समयाभाव के कारण व्यक्तिगत जवाब दे पाना मुश्किल. अतः सामुहिक जवाब मजबूरी बन गयी।

आप सभी का असीम प्रेम, अटूट विश्वास और और स्नेह, आपके प्रति मेरे दायित्वों को बढ़ा देता हैं, हर क्षण मुझे मेरे होने का अहसास करवाता है, शिक्षक के आदर्शों को स्थापित करने के लिए राह दिखाता है, नकारात्मक, ईर्ष्या और टांग खींचने के इस दौर में भी मुझे सकारात्मक और उच्च अभिप्रेरणा से युक्त रखता है...आपका यह साथ हमेशा बना रहे, और यह साथ हमेशा मैं चाहता भी हूँ...

मैं कभी भी मेरे भीतर के शिक्षक के मानकों को कभी कमज़ोर नहीं होने दूंगा.. हर वक़्त आपके लिए तैयार मिलूंगा... आप ही मेरी शक्ति हो, और आप ही मेरी पहचान हो, और आप ही मेरा परिणाम हो। एक शिक्षक के रूप में मैं आपको गौरवान्वित ही महसूस करवाऊंगा, कभी कोई दाग लेकर, आपको कमतर महसूस नहीं करवाऊंगा।☺️

कहना चाहूंगा कि तृषित न केवल कण्ठ, नीर भी उतना ही प्यासा। शिष्यत्व व गुरुत्व दोनो में सामंजस्य हो तो असम्भव तो कुछ भी नहीं।मेरा आशीर्वाद हमेशा आपके साथ है व रहेगा।प्रशस्त पुण्य पथ है बढ़े चलो,बढ़े चलो।

अंततः आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं प्रेषित करता हूँ और ज़ीवन में उत्तरोत्तर प्रगति की कामना करता हूँ...☺️

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